MP NEWS24- 5 जनवरी बुधवार को ग्रेसिम उद्योग समूह मे हुई गैस रिसाव को देखते हुए रिहायशी क्षेत्र से शीघ्रताशीघ्र औद्योगिक क्षेत्र मे स्थानान्तरित किया जाना आवश्यक है। इसके लिये प्रशासन को तुरन्त निर्णय लेकर इसकी कार्ययोजना बनाना चाहिये।प्रेस विज्ञप्ति में नागरिक अधिकार मंच के अध्यक्ष अभय चोपड़ा एव संयोजक शैलेन्द्रसिंह चौहान एडहोकेट ने बतलाया कि नागरिक अधिकार मंच द्वारा पहले भी लैंक्सेस उद्योग समूह को स्थानान्तरित करने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन द्वारा सांठगांठ के चलते कोई कार्यवाही नही की। वर्तमान मे नगर पालिका की आबादी क्षेत्र मे चल रहे उद्योगो से कभी भी भारी जनहानि हो सकती है। 5 जनवरी को को ग्रेसिम उद्योग से हुआ गैस रिसाव इसी का परिणाम है। गैस रिसाव से पूरे नगर में अफरा तफरी मच गई और लोगो को स्वास्थ्य परेशानी का सामना करना पड़ा।
विज्ञप्ति में आगे बताया कि काफी समय से इस तरह के उद्योग प्रशासन कि सांठगांठ से चल रहे है। माननीय उच्चत्म न्यायालय द्वारा आबादी क्षेत्र से रासायनिक उद्योग शहर से बाहर करने के आदेश दिये गये है। लेकिन प्रशासन की जानकारी मे उक्त फैसला होने के बावजूद भी कार्यवाही नही की ग्ई।
नागरिक अधिकार मंच द्वारा मांग कि गई कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियो और उद्योग समूह के प्रबंधको पर अपराधिक प्रकरण पजीबद्ध किया जाय एवं उद्योगो को रहवासी क्षेत्र से बाहर कर औद्योगिक क्षेत्रो में स्थानांतरित किया जावे।
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उद्योग की लापरवाही से हुए गैस रिसाव पर प्रबंधको पर एफआईआर दर्ज करने हेतु दिया ज्ञापन
बुधवार को ग्रेसिम उद्योग के सीएस-2 प्लांट में हुए ब्लास्ट से नागरिको को प्रदूषण से खतरा होने एवं इससे लोगो के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पडने एवं उद्योग द्वारा सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं करने पर उद्योग प्रबंधको के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने हेतु श्रीमान् अनुविभागीय अधिकारी नागदा, नगर पुलिस अधीक्षक महोदय एवं पुलिस थाना प्रभारी नागदा को शंकरलाल प्रजापत द्वारा ज्ञापन दिया गया ।
ज्ञापन में शंकरलाल प्रजापत द्वारा बताया गया कि 5 जनवरी की शाम 4 बजे ग्रेसिम उद्योग के सीएस 2 प्लांट में विस्फोट होने पर ओलियम गैस का रिसाव हुआ एवं नगर में नागरिको को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी उठानी पड़ी। पुरे शहर में गैस ने अपना प्रभाव छोडा जिससे आमजनो को आंखो में जलन, सांस लेने में परेशानी हुई। कुछ लोग को बेहोशी आने के साथ-साथ उल्टी की शिकायत भी हुई। जिसका उपचार शासकीय चिकित्सालय में करवाया गया। गैस रिसाव से पुरे शहर में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया।
प्रजापत ने आगे बताया कि उक्त घटना के दो दिन बीत जाने के बाद भी उद्योग प्रबंधको पर प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिससे प्रबंधको के हौसले बुलन्द है। प्रजापत द्वारा पूर्व में उद्योग के खिलाफ प्रदूषण को लेकर न्यायालय में वाद दायर किया गया है जिसमें उद्योग पर न्यायालय द्वारा पेनेल्टी लगाई गई है। साथ ही नागदा के आसपास के गांवो में हो रहे जल प्रदुषण एवं वायु प्रदुषण के लिये उद्योग प्रबंधको को जिम्मेदार बताया गया है। प्रजापत ने ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन से मांग की है कि शीघ्र ही उद्योग प्रबंधको पर एफआईआर दर्ज नहीं की तो न्यायालयीन वाद दायर किया जावेगा।
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