नागदा जं.--कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल में डॉक्टरों की कमी, इमरजेंसी में जाना पड़ता हैं इंदौर

MP NEWS24-औद्योगिक शहर नागदा में 4 बड़े और 12 से अधिक छोटे उद्योग स्थापित है। इन उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों के साथ ही शिक्षक और प्रायवेट संस्थानों में कार्यरत कर्मचारी राज्य बीमा निगम में प्रतिमाह अपना अंशदान देते हैं, ताकी इन्हें और इनके परिवार को स्वास्थ्य लाभ मिल सके।

अंशदान देने के बाद भी श्रमिक परिवारों का स्वास्थ्य लाभ रामभरोसे है। कारण राज्य बीमा निगम के मंडी और बिरलाग्राम दोनों औषधालय में मात्र 1-1 डॉक्टर और बड़े बीमा अस्पताल में मात्र 3 डॉक्टर ही मौजूद है। ऐसे में इमरजेंसी के दौरान श्रमिक परिवारों को उपचार के लिए उज्जैन, इंदौर, देवास या अन्यत्र रैफर किया जाता है। जानना जरूरी है कि शहर के उद्योगों में ही 18 हजार श्रमिक है। इसके अलावा अन्य कर्मचारियों को मिलाए जाए तो यह आंकड़ा 25 हजार के पार पहुंच जाता है।
बंद हो चुकी सुविधाओं को दोबारा शुरू करवाया जाए
भारतीय मजदूर संघ से संबंधित ठेकेदार श्रमिक संघ के महामंत्री राजकुमार सिसौदिया ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कर्मचारी राज्य बीमा निगम के संचालक इंदौर को पत्र लिखा है। इसमें बताया है कि अस्पताल चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है। अस्पताल में एक्स-रे मशीन का संचालन कराया जाए और कोरोना काल के दौरान बंद हो चुकी सुविधाओं को दोबारा शुरू करवाया जाए। पत्र की एक कॉपी ईएसआई बोर्ड सदस्य सुल्तानसिंह शेखावत को भी सौंपी गई है।

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