MP NEWS24- नागदा-खाचरौद ग्रामीण क्षैत्र में बिजली विभाग द्वारा रात 12 से 2 बजे तक व प्रातः 6 बजे से 7 बजे तक प्रतिदिन अघोषित बिजली कटौती किये जाने से क्षैत्र की जनता गर्मी में काफी परेशान हो रही है। अघोषित बिजली कटौती व बिजली दर वृद्धि पर तत्काल रोक लगाने की मांग क्षैत्रीय विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने मुख्यमंत्री, उर्जामंत्री व कलेक्टर को पत्र लिखकर की है।लोड भी अत्यधिक नहीं फिर क्यों की जा रही कटौती ?
श्री गुर्जर ने पत्र में बताया कि वर्तमान समय में सिंचाई का कार्य पूर्ण हो गया है वर्तमान में ऐसा कोई लोड नहीं है। जिसके चलते अघोषित बिजली कटौती करना पडे। ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षैत्र में घण्टों अघोषित बिजली कटौती से जहां आम जनता परेशान है वहीं चोरी की वारदातों में वृद्धि हो रही है। ग्रामीण क्षैत्र में पशु चोरी, वाहन चोरी, मंदिरों पर चोरी अन्य चोरी के साथ मकानों में भी चोरी की घटनाऐं हो रही है। फिर रात्री कालीन अघोषित बिजली कटोती करना समझ से परे व अव्यवहारिक है।
बीलों की माफी का ढींढोरा पीटा, वसुली 31 मार्च तक की गई
श्री गुर्जर ने बताया कि कोरोना काल में घरेलू बिजली बीलों जमा पर रोक लगा दी थी उसके बाद 31 मार्च 2022 तक उन सभी पुराने बीलें की विभाग द्वारा वसूली कर ली गई और अब आम बिजली उपभोक्ताओं को गुमराह करने के लिए झूठी वाह वाही लेने के लिए एक बार फिर उन बिजली बीलों की मांफी की घोषणा कर दी जो बील विभाग ने जमा करा लिए है तो फिर मांफी कैसे होगी।
श्री गुर्जर ने पत्र में यह भी लिखा है कि जितनी राशी के बिजली बील मांफ करने का मुख्यमंत्री जी कह रहे है वो तो शायद मांफ नहीं हुए लेकिन एक अप्रैल 2022 से बिजली दर यूनिट राशि में वृद्धि जरूर कर दी गई है जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है और आगामी माह में भारी भरकम घरेलू बिजली बील आम जनता को मिलेगें।
स्रकार की कथनी एवं करनी में अंतर
श्री गुर्जर ने सरकार की कथनी और करनी में अंतर बताते हुए कहा कि सरकार अम उपभोक्तओं से एक हाथ से मांफ और दुसरे हाथ से बिजली बील में वृद्धि करने का जो कार्य किया है वह सरासर अनुचित है। म.प्र. सरकार के मुखिया को तत्काल अघोषित बिजली कटौती बंद करने व एक अप्रैल से बिजली बीलों में वृद्धि करने के आदेश पर तत्काल रोक लगाना चाहिए अन्यथा कांग्रेस आम जनता की बढती समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन करेगी।
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