नागदा जं.--सिर्फ एक स्थान के अतिक्रमण को हटाने पर उतारू रेल प्रशासन, क्षेत्र में ज्यादातर जमीन उद्योग एवं राज्य शासन की, 50-60 वर्षो से इसी स्थान पर रह रहे हैं झुग्गीवासी

MP NEWS24-बिरलाग्राम स्थित भारत कामर्स व ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज एवं शासकीय भूमि पर 60 वर्ष पूर्व बनी झुग्गी झोपडियों पर अतिक्रमण के नाम पर हटाने के आदेश को स्थगित एवं निरस्त करने हेतू शासन स्तर पर कार्यवाही करने की मांग बिरलाग्राम झुग्गी झोपडी वासियों द्वारा विधायक दिलीपसिंह गुर्जर के नेतृत्व में मुख्यमंत्री, डीआरएम रतलाम व कलेक्टर उज्जैन के नाम अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन प्रेषित कर की है।

झुग्गी-झोपडी में रहने वालों ने दिया एसडीएम को ज्ञापन
झुग्गी झोपडी वासियों ने ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि बिरलाग्राम क्षैत्र में ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज, भारत कामर्स उद्योग की स्थापना के समय से ही ग्रेसिम, भारत कामर्स व शासकीय भूमि पर मजदुरों द्वारा हजारों झुग्गी झोपडियॉं में निवासरत है। जिसमें नगर पालिका द्वारा पानी, सडक तथा अन्य मुलभूत सुविधाऐं  उपलब्ध कराई गई व शासन द्वारा बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। परंतु अचानक रेल्वे द्वारा वर्ष 2013-14 के समय अतिक्रमण के नोटिस जारी कर अपना आधिपत्य दर्शाया था। परंतु इसके पूर्व उक्त भूमियों पर झुग्गी झोपडियों के निर्माण होने पर कभी रेल्वे द्वारा रोकने की कोशिश नहीं की गई ना ही कभी भूमि पर रेल्वे द्वारा दावा किया गया। परंतु 2013-14 में नोटिस जारी करने का जनता के द्वारा विरोध करने पर यह बताया गया था कि कार्यवाही को समाप्त कर दिया गया था लेकिन समाप्त नहीं करते हुए एक तरफा आदेश पारित कर दिया गया।
अन्य क्षेत्रों में दिया गया है सरकारी योजनाओं का लाभ
रहवासियों ने अधिकारियों को अवगत कराया कि रेल्वे द्वारा बिरलाग्राम क्षैत्र में ही अपनी भूमि निकाली गई है जबकि दुसरी और रेल्वे द्वारा अपनी कोई भूमि नहीं निकाली गई है जबकि रेल्वे द्वारा रेल्वे लाईन के दोनो साईड एक समान भूमि छोडी जाती है। कन्याशाला चौराहा से इस्माईल कबाडी व जिन ऐरिया के लगते हुए रेल्वे की सीमा 64 ब्लॉक से होते हुए 56 ब्लॉक व जबरन कॉलेानी तक से रतलाम फाटतक तक आती है। इन एरियों में 100 फीट भी रेल्वे ने अपनी जमीन पर खुद का हक नहीं किया। इन एरियों में सरकारी पट्टे के साथ-साथ आवास योजना का लाभ दिया गया है।
रतलाम फाटक, गर्वमेंट कॉलोनी में कार्रवाई क्यों नहीं करता रेल प्रशासन ?
इसके विपरित रतलाम फाटक से गर्वमेंट कॉलोनी, बादीपुरा रेल्वे स्टेशन की जमीन अगर रेल्वे सरकर अपना दावा करती है तो रतलाम फाटक से गर्वमेंट कॉलोनी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी से लगी हुई मारूति स्कूल एरिया पर रेल्वे अपना दावा क्यों नहीं प्रस्तुत कर रही है जबकि वह एरिया भी रेल्वे में आता है। बाकि रेल्वे के एरिये में पट्टे क्या रेल्वे ने दिये व जो एरिया बचा है उसे में रेल्वे अपना अधिकार व नोटिस क्यों नहीं देती है जबकि रेल्वे की दिवार दोनों साईट से एक जैसी आ रही है। पुरे जबरन कॉलोनी एरिया से सीधी होते हुए गई है तो फिर गर्वमेंट कालॅोनी एरिया में आते हुए हुए यह दीवार एक दम से चोडी कैसे हो गई है। गर्वमेंट कॉलोनी में यह दीवार आधी ही आई है।
यह थे मौजुद
इस अवसर पर झुग्गी झोपडी वासी लोकेन्द्र ठाकुर, सुरज, माधुरी सोनी, विकास, वैदप्रकाश, रितेश, जयेश, मोहित, निखिल, राजु चौहान, सतीश वासेन, निखिल, राकेश, गुड्डू भाई, राकेश, हरीराम, सुनिता, चंदाबाई, लक्ष्मी, अशोक, दिपक, मुकेश, कैलाश, चंदा, लक्ष्मीबाई, मनीष, किशोर चौहान, रमेश, मो.शाह, दाऊ सॉ, आजम शाह, शांतिबाई, गुडु, फुलसिंह, बंशी, जितेन्द्र, रामजी, करण, हरिप्रसाद, दिलीपसिंह, चंद्रभान, दिलीप, मुन्ना,सीताराम, सीमा बाई, बहादुरसिंह, बाबुरामसिंह, विजयसिंह, कमलसिंह, गणेश, कुशाल, कैलाश, कमलाबाई, रामजी, गोर्वधन, आदि उपस्थित थे।

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