नागदा- एसडीएम एवं तहसीलदार ने भेजा प्रतिवेदन, मामला 20 वर्षो से सहायता नहीं मिलने का



 Nagda(mpnews24)।   नागदा शहर के गांव पाडल्या में वर्ष 2001 में खाल के समीप बने कुएं के पानी में डूबने से जितेंद्र पिता अर्जुन सिंह बोडाना की मृत्यु हो गई थी तब से लेकर आज तक परिजनों को शासन की ओर से मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि नहीं मिल पाई। जिसके चलते वर्ष 2016 में परिजनों ने सहायता राशि के लिए कलेक्टर के समक्ष गुहार लगाई थी। लेकिन जहां से उन्हें निराशा मिली वर्ष 2019 में परिजनों ने आर्थिक सहायता मांग का एक पत्र डिप्टी कलेक्टर आरपी वर्मा साहब के समक्ष प्रस्तुत किया। डिप्टी कलेक्टर श्री वर्मा ने रुचि दिखाते हुए मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दिलाने का विश्वास दिलाते हुए मुख्यमंत्री सहायता राशि हेतु पुलिस प्रकरण पीएम रिपोर्ट पटवारी रिपोर्ट तहसीलदार जांच प्रतिवेदन इत्यादि सभी दस्तावेज तैयार कर फाइल जिला कलेक्टर उज्जैन के समक्ष प्रस्तुत की गई। लगभग 1वर्ष का लंबा समय गुजर जाने के बाद भी राशि नहीं मिलने के कारण परिजनों ने 30 जुलाई 2019 को सीएम हेल्पलाइन में राशि नहीं मिलने की शिकायत है 3 माह में सीएम हेल्पलाइन कार्यवाही के बाद जिला कलेक्टर उज्जैन ने अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार नागदा से इस मामले में जांच प्रतिवेदन मांगा। आर्थिक सहायता राशि के मामले में तहसीलदार सलोनी पटवा द्वारा परिजनों को संबंधित दस्तावेज सहित उपस्थित होकर चर्चा कर जांच प्रतिवेदन प्रकरण क्रमांक 125ब-121/2019-20 दर्ज कर रूपये दो लाख की आर्थिक सहायता स्वीकृत कर कलेक्टर को भेजा जा चूका है। चार लाख के स्थान पर मात्र दो लाख की स्वीकृति एसडीएम नागदा ने अपने अभिमत प्रतिवेदन में जिला कलेक्टर उज्जैन के समक्ष स्वीकृति प्रकरण प्रस्तुत किया है। प्रशासन की कार्रवाई के बाद परिजनों को एक बार पुनः सहायता राशि मिलने की आस बंधी है।

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