Nagda(mpnews24)। सरकारी अस्पताल में लैंक्सेस उद्योग द्वारा 2 डायलिसिस मशीन दी गई है, लेकिन एक मशीन का ही संचालन हो पा रहा है। वहीं डायलीसीस कीट के क्रय हेतु राशि के अभाव में इस एक मशीन का संचालन भी सहीं तरीके से नहीं हो पा रहा है। यहीं वजह है कि मात्र 6 मरीजों को ही डायलिसिस की सुविधा मिल पा रही है और 30 मरीजांे को इंतजार करना पड़ रहा है। गरीब मरीज डायलिसिस के लिए भटक रहे है। अभा क्षत्रिय महासभा ने स्वयं उनकी पीड़ा को सरकारी अस्पताल में देखा और अस्पताल प्रबंधन से चर्चा भी की। अस्पताल प्रबंधन की मजबूरी भी सामने आई।
मरीजों को उचित उपचार दिलाने के लिए अभा क्षत्रिय महासभा की महिला प्रदेश अध्यक्ष हेमलता तोमर और युवा प्रदेश उपाध्यक्ष अभिभाषक शैलेंद्रसिंह चैहान ने प्रतिनिधि मंडल के साथ मंगलवार को विधायक व रोगी कल्याण समिति अध्यक्ष दिलीपसिंह गुर्जर से मुलाकात की। विधायक श्री गुर्जर को ज्ञापन सौंपकर मांग की गई कि न्यूनतम शुल्क रखकर के दोनांे मशीनों का चालू किया जाए और गरीब परिवार की निः शुल्क डायलिसिस की जाए। दोनों मशीने चालू होने से एक ही दिन में 6 मरीजांे की डायलिसिस हो सकेगी। साथ ही शहर में स्थित उद्योगों से चर्चा कर सीएसआर फंड से सहयोग लेने की बात कहीं गई।रोगी कल्याण समिति के माध्यम से गणमान्य नागरिक, सामाजिक संस्थाआंे को जोड़कर राशि जुटाई जाए, इससे डायलिसिस मशीन सुचारू चल सके। ऐसे दानदाताआंे का सामूहिक सम्मान भी किया जाए, ताकि और दानदान आगे आ सके। प्रतिनिधि मंडल ने एसडीएम आशुतोष गोस्वामी से भी मुलाकात की और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्हें अस्पताल और मरीजों की पीड़ा बताकर शासन के माध्यम से टेक्निशियन का वेतन और रोगी कल्याण समिति को फंड उपलब्ध कराने की मांग की गई। वजह शहर सहित खाचरौद, महिदपूर, उन्हेल और लगभग 300 गांवों के किडनी ग्रस्ति मरीज डायलिसिस की उम्मीद लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचते है। यहां व्यवस्था नहीं मिलने पर उन्हें उज्जैन या इंदौर की और रुख करना पड़ता है। प्रतिनिधि मंडल में वरिष्ठ सदस्य रावले रामनाथसिंह नरुका, धर्मेंद्रसिंह, महेंद्रसिंह, सूरजसिंह, राजेशसिंह चैहान शामिल थे।
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