नागदा - 10 किमी दूर गांव खिमला खेड़ी व जलोदिया उन्हेल के जंगल में दो दिन पूर्व हुई नील गायों की हत्या

 


Nagda(mpnews24) ।   शहर के लगभग 10 किमी दूर गांव खिमला खेड़ी व जलोदिया उन्हेल के जंगल में दो दिन पूर्व हुई नील गायों की हत्या के मामले में वन विभाग का अमला शनिवार को घटना स्थल पर पहुंचा। हिंदू जागरण मंच की चेतावनी के बाद जिला मुख्यालय से विभाग के अधिकारी व वनपाल नरेश  कुशवाह नागदा पहुंचे। इधर विभाग के डीएफओ ने भी नागदा में पदस्थ विभाग के फोरेस्ट गार्ड संजय झा को फोन कर घटना स्थल का मौका मुआएना का आदेश दिया। जिसके बाद दोपहर 12 बजे झा गांव पहुंचे और मृत नील गाय को नागदा में स्थित वन विभाग की नर्सरी लेकर आए। यहां से गाय को उज्जैन ले जाया गया जहां पर चिकित्सकों की पैनल द्वारा उसका अन्त्य परीक्ष्ज्ञण कर गाय का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

नील गाय का शिकार करने की घटना गुरुवार रात की बताई गई है, शुक्रवार सुबह गांव में राजस्व व पशु विभाग के अधिकारी ने पहुंचकर पंचनामा बनाया व मृत गाय का पीएम किया था। पीएम नागदा के पशु विभाग ने किया था। चिकित्सक ने कहा था कि मृत गाय पर कोई फायर व धार-धार हथियार के निशान नहीं है। जबकि राजस्व विभाग के पटवारी विनोद कुमार भिलवानिया ने घटनास्थल पर पहुंचकर पंचनामा बनाया था और पंचनामे में उल्लेख किया था कि नीलगाय पर हमले की सूचना मिली, मौके पर जाकर देखा तो गाय के शरीर पर गोली लगने जैसे व धार-धार हथियार के निशान थे। इस पूरे प्रकरण को लेकर हिंन्दू जागरण मंच ने आक्रोश जताया और मंच के प्रांितय उपाध्यक्ष भेरुलाल टांक ने शनिवार सुबह वन विभाग के डीएफओ को शिकायत की थी। चूंिक ग्रामीणों का भी कहना था कि नीलगाय का शिकार किया गया है। शिकायत के बाद वन विभाग हरकत में आया और शनिवार को कार्यवाही की।

इनका कहना
हमे शनिवार सुबह मिडिया के माध्यम से सूचना मिली की नागदा के समीप नीलगाय की हत्या की गई है। हमने घटना स्थल का निरीक्षण करवाया है। हिंदू जागरण मंच कि शिकातय पर मृत नीलगाय का पुनः पीएम उज्जैन में डॉक्टर की एक पैनल से कराया जाएगा।
नरेश कुशवाह, वनपाल, वन विभाग उज्जैन

गुरुवार रात को गांव जलोदिया उन्हेल के जंगल में शिकारियों द्वारा नील गाय का शिकार किया गया है। वह लोग एक मृत नील गाय को अपने साथ वाहन में ले गए। जबकि दूसरी मृत गाय पर गोली के निशान व आधा गला कटा नर नील गाय को वहीं छोड़ गए थे। स्थानीय प्रशासन इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है। पशु चिकित्सक ने जो पीएम किया है उस पर हमे विश्वास नहीं है। पूर्व में भी इस तरह के मामले आए थे। हम ने वन विभाग से इस पूरे प्रकरण जांच की मांग की है।
भेरुलाल टांक, प्रांतीय उपाध्यक्ष, हिन्दू जागरण मंच नागदा
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