Nagda(mpnews24)। चुनाव आया कोरोना गया और चुनाव गया कोरोना फिर से आ गया कुछ इसी तरह का एहसास शासन प्रशासन द्वारा अपनी कार्यप्रणाली से कोरोना महामारी को लेकर आम जनता को कराया जा रहा है एक तरफ भारतीय जनता पार्टी हजारों की तादाद में कार्यकर्ताओं को एकत्रित कर दीपावली मिलन समारोह का आयोजन करती है और वहीं दूसरी और शहरवासियों को विवाह समारोह में शासन-प्रशासन 100 से ज्यादा मेहमानों को बुलाने पर दंड देने की हिदायत आम जनता को दे रहा है। भाजपा के आयोजन के बाद अब प्रशासन के पास अन्य नागरिकों के आयोजनों में भी कार्रवाइ करने का कोई अधिकार नहीं रह जाता है।
भाजपा के लिए नियम कुछ और तथा आम नागरिकों के लिए कुछ और क्यों ?
उक्त आरोप लगाते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुबोध स्वामी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जो कोरोना को लेकर नियम व कानून बनाए गए हैं वह भारतीय जनता पार्टी के लिए कुछ और हो जाते हैं और आम जनता के लिए कुछ और। श्री स्वामी ने कहा कि देवउठनी ग्यारस से कई घरों में विवाह समारोह संपन्न होने जा रहे हैं जिसकी तैयारी कई माह पूर्व नागरिकों द्वारा की गई है, समय-समय पर कोरोना की गाइडलाइन को लेकर असमंजस का वातावरण शासन-प्रशासन की ओर से निर्मित किया जा रहा है आम जनता सजगता से कोरोना महामारी से निपटने के लिए मास्क और सामाजिक दूरी जैसे महत्वपूर्ण नियमों को अपने जीवन में दैनिक दिनचर्या में अंगीकार कर चुकी है, लेकिन नियम और कानून हमेशा आम जनता के लिए ही होते हैं। यह शासन-प्रशासन अपनी कार्यप्रणाली से सिद्ध कर रहा है।
स्वामी ने कहा कि रविवार को भाजपा के संपन्न हुए दीपावली मिलन समारोह में लगभग 2000 कार्यकर्ताओं का भोजन रंगोली गार्डन मैं तैयार किया गया भारी भीड़ में कोरोना के नियम मास्क और सामाजिक दूरी की सरेआम धज्जियां उड़ाई गई और यह सब भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के समक्ष हुआ साथ ही शासन-प्रशासन स्वयं इस कार्यकर्ता दीपावली मिलन समारोह का साक्षी रहा। लेकिन शासन-प्रशासन के किसी भी अधिकारी में कोरोना नियम पालन के लिए भाजपा नेताओं को हिदायत नहीं थी और उल्टा मौन खड़े रहकर नियम व कानून की धज्जियां उड़ते हुए देखते रहे सत्ता मद में मदहोश भजपा शासन प्रशासन से आमजन के ऊपर कोरोना नियम पालन को लेकर दबाव बनाती है।
मास्क नहीं पहनने पर 500 की पेनल्टी, दो हजार लोगों के आयोजन पर क्या कार्रवाई ?
स्वामी ने कहा कि आम नागरिकों से 500 की पेनल्टी वसूली जा रही है। दीपावली मिलन समारोह में भाजपा के पास जनता के समक्ष कोरोना के नियम व कानून को पालन करने के लिए जागरूक के लिए जनता को जागरूक करने का एक बहुत अच्छा अवसर था। भाजपा दीपावली मिलन समारोह में कोरोना की गाइडलाइन का पालन कर जनता के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत कर सकती थी लेकिन सत्ता के अहंकार में डूबी हुई भाजपा ने ऐसा करना जरूरी नहीं समझा।
कोरोना के नाम पर सारे त्यौहार फीके कर दिए, खुद बडे आयोजन कर रहे
स्वामी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना महामारी को लेकर बनाए गए नियमों के कारण हमारे सारे त्यौहार फीके हो गए अपने आपको तथाकथित धर्म के स्वयंभू ठेकेदार मानने वाली भाजपा ने त्योहारों के फीके होने पर कोई पहल आम जनता के हित में नहीं की वहीं जब स्वयं के राजनीतिक लाभ या स्वार्थ की बात आए तो भाजपा सारे नियमों की तिलांजलि देकर वही करती है जो उसके स्वार्थ को पूर्ति करें। स्वामी ने प्रशासन से कहा है कि यदि इतने बडे आयोजन में कोई कार्रवाई नहीं होती है तो किसी भी नागरिक के निजी आयोजन पर भी कोई कार्रवाई करने का हक प्रशासन को नहीं है।
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