Nagda(mpnews24)। उज्जैन जिले की एक मात्र तहसील नागदा में अवैध काॅलोनी को काटने वाले काॅलोनाईजरों पर कार्रवाई की जा रही है। प्रशासन की उक्त कार्रवाई को लेकर शहरवासियों में अब प्रश्न उठने लगे है। एक ही विधानसभा क्षेत्र के दो शहरों में से मात्र एक शहर में कार्रवाई देखी जा रही है जबकि खाचरौद शहर में भी कई अवैध काॅलोनियाॅं है जिसे नियमों की अनदेखी कर काटा गया है। लेकिन प्रशासन सिर्फ नागदा की अवैध काॅलोनियों को काटने वाले लोगों के दस्तावेजों को खंगाल रहा है। हालांकि अभी तक जिन पर भी कार्रवाई हुई है वह मामले वर्षो पुराने है। बीते 5 वर्षो में जिन काॅलोनाईजरों ने नियमों की अनदेखी कर काॅलोनी काटी है वह आज भी गिरत से दूर है। ऐसे में प्रशासन की कार्रवाई पर सवालिया निशान लग गए हैं।
एक विधानसभा के दो शहरो में कार्रवाई में भिन्नता
उज्जैन जिले की नागदा-खाचरौद विधानसभा अंतर्गत नागदा तहसील आती है। नागदा में अनुविभागीय अधिकारी आशुतोष गोस्वामी द्वारा कार्रवाई का पुरा बीडा उठा रखा है। एसडीएम श्री गोस्वामी द्वारा ही 21 अक्टूबर 2020 को एक आदेश जारी कर दल का गठन कर अवैध काॅलोनियों की जानकारी एकत्रित करने के निर्देश दिए थे। उसके बाद तहसील कार्यालय में अलग-अलग एक दर्जन से अधिक प्रकरण दर्ज कर अवैध काॅलोनी काटने वाले काॅलोनाईजरों का प्रतिवेदन एसडीएम को भेजा गया था जिसमें एक दर्जन से अधिक लोग शामिल है। एसडीएम द्वारा कलेक्टर से अनुमती प्राप्त कर इन अवैध काॅलोनाईजरों पर एक थाने में प्रकरण भी दर्ज करवाऐ जा रहे है। वहीं दुसरी और विधानसभा क्षेत्र का दुसरा बडा शहर खाचरौद है जहाॅं कई बार अवैध काॅलोनी काटने के मामले मिडिया की सुर्खियाॅं बन चुके है लेकिन खाचरौद में इस प्रकार की कोई कार्रवाई देखी नहीं जा रही है। जिसको लेकर शहर के नागरिकों में चर्चा बनी हुई है कि नागदा में कार्रवाई हो रही है तो खाचरौद में क्यों नहीं।
काॅलोनी अवैध तो नपा ने कैसे किए निर्माण कार्य
अवैध काॅलोनीयों पर कार्रवाई में नगर पालिका से प्रतिवेदन एसडीएम कार्यालय द्वारा मांगा गया है। नपा द्वारा ही इस बात का निर्धारण किया जा रहा है कि कोन सी काॅलोनी वैध है और कौन सी अवैध। लेकिन यहाॅं यह बात उल्लेखनिय है कि जब बीते कई वर्षो से शहर में अवैध काॅलोनी बसाई जा रही थी तब नगर पालिका के कर्णधार क्या गहरी निन्द्रा में थे। वहीं यह बात भी शहरवासियों में चर्चा का विषय है कि कई अवैध काॅलोनीयों में नगर पालिका द्वारा सिमेंट-कांक्रिट सडकों का निर्माण किया है साथ ही पेयजल हेतु नल कनेक्शन दिए गए है, यदि काॅलोनियों अवैध थी तो यह सब कैसे हुआ तथा किसके आदेश से हुआ। ऐसे में अवैध काॅलोनियों में सुविधाऐं देने वाले अधिकारियों द्वारा भी जनता के पैसे का दुरूपयोग किया है क्या प्रशासन उन पर भी अब कोई कार्रवाई करेगा या फिर वर्षो पूर्व एक-दो प्लाॅट की रजिस्ट्री करने वाले लोगों पर ही गिरतारी की गाज गिराई जाऐगी।
बरहाल कुछ भी हो प्रशासन ने अवैध काॅलोनियों के विरूद्ध कार्रवाई की है वह तारीफे काबिल है लेकिन जिन्होंने बडे पैमाने पर काॅलोनियाॅं काटी हैं तथा शहर में चर्चीत है उनको प्रशय देते हु ए जिन्होंने सिर्फ प्लाॅट की रजिस्ट्री की उनपर ही कार्रवाई नहीं होना चाहिए, तब प्रशासन की कार्रवाई निष्पक्ष दिखाई देगी।
Post a Comment