नागदा - पूर्व विधायकों को अधिकारियों की मिटिंग, बैठक, निर्देश देने के अधिकार नही विधानसभा प्रश्न में मुख्यमंत्री ने दिया जवाब, अधिकारियों के साथ दौरा कर निर्देश देने के अधिकार भी नहीं



Nagda(mpnews24)।    विधायकों व पूर्व विधायकों में अपने अधिकारों को लेकर आये दिन विवाद की स्थिति पैदा होती रहती थी। सत्तारूढ के पूर्व विधायक अधिकारियों के साथ मिटिंगें आयोजित करते, उनको निर्देश देते, जो कि वर्तमान विधायकों का विशेषाधिकार हनन का मामला है।
विधायक मालवीय ने उठाया था प्रश्न
विधायक रामलाल मालवीय द्वारा विधानसभा में प्रश्न किया गया था कि पूर्व विधायकों को शासकीय अधिकारियों के साथ विभिन्न विभागों की समीक्षा मीटिंग-बैठक करने तथा क्षेेत्र में विभिन्न स्थानों पर दौरा करके अधिकारियों को निर्देश प्रदान करने के क्या-क्या अधिकार शासन द्वारा दिये गये है ? तथा विधानसभा क्षेत्र के शासकीय अधिकारियों द्वारा नियमों की जानकारी के बावजुद भी पूर्व विधायकों के साथ मिटिंग-समीक्षा बैठकें करना, निर्देश प्राप्त करना क्या यह अधिकारियों द्वारा विधायकों के विशेषाधिकार हनन का मामला नहीं है ?
मुख्यमंत्री ने जवाब में कहा पूर्व विधायकों को अधिकारियों की बैठक लेने का अधिकार नहीं
विधायक मालवीय के प्रश्न के उत्तर में सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री के रूप में माननीय मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान ने प्रश्न क्र. 21 (क्र. 35) दिनांक 22 सितम्बर 2020 के लिखित उत्तर में अवगत कराया है कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किए गए है। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पूर्व विधायक के साथ कोई मिटिंग-बैठक नहीं की गई है।
अधिकारियों पर बनाते हैं दबाव
मुख्यमंत्री श्री चैहान के जवाब से स्पष्ट हो जाता है कि सत्तारूढ दल के पूर्व विधायक जो सत्ता का दबाव बनाकर वर्तमान विधायकों के अनुरूप अधिकारियों को मिटिंग-बैठक बुलाकर निर्देश प्रदान करते हैं। इसके द्वारा वर्तमान विधायकों के विशेषाधिकारों का हनन किया जाता रहा है तथा इस नियम विरूद्ध कार्य में प्रशासनिक अधिकारी भी प्रोटोकाॅल का उल्लंघन कर रहे हैं।
अधिकारियों की मिटिंग बुलाकर मिडिया में जारी करना विशेषाधिकार हनन
गौतरतलब है कि जनता में अपनी पेठ बनाने के लिए सत्तारूढ दल के पूर्व विधायकों द्वारा इस प्रकार की अधिकारियों की मिटिंग-बैठक बुलाकर प्रिंट एवं ईलेक्ट्रानिक मिडिया में प्रसारित किया जा रहा है। जबकि प्रश्न के उत्तर में प्रदेश मुख्यमंत्री श्री चैहान ने स्पष्ट कर दिया है कि पूर्व विधायकों को इस प्रकार के कोई अधिकार नहीं है। विधायकों को मिले संवैधानिक अधिकारों पर बलात कब्जा कर अधिकारीगण भी सत्ता के दबाव एवं स्थानांतरण के डर से लगातार संवैधानिक मर्यादाओं की धज्जियाॅं उडा रहे है।
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