नागदा - जवाहर मार्ग की लगभग 20 बीघा शासकीय जमीन पर दबंगों का कब्जा, एक का नाम अवैध काॅलोनी में भी प्रशासन की निष्पक्षता पर उठे सवाल, पूर्व के सूचना पत्र में दर्ज 8 लोगों पर कार्रवाई कब ?



Nagda(mpnews24)।   स्थानिय प्रशासन एवं नगर पालिका द्वारा इन दिनों अवैध काॅलोनाईजरों के विरूद्ध सघन कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से निजी कृषि भूमियों को प्लाॅट के रूप में विक्रय करने पर नगर पालिका अधिनियम के तहत अपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुए जेल तक भेजा जा रहा है। वहीं दुसरी और प्रशासन शासकीय भूमियों के संरक्षण हेतु बिलकुल भी सक्रियता नहीं दिखा रहा है। जबकि शहर के सबसे व्यस्तम माने जाने वाले जवाहर मार्ग पर ही लगभग 20 बीघा शासकीय भूमि पर दबंगों ने अपना कब्जा कर लिया है, वहीं कृष्णा जिनिंग फैक्ट्री का मामला अधिकारियों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है साथ ही ग्रेसिम की हजारों की बीघा जमीन के मामले में भी मौन धारण किया हुआ है। अवैध काॅलोनी काटने वाले भारतीय जनता पार्टी के मण्डल उपाध्यक्ष के एक रिश्तेदार का नाम आने के बाद उसे भाजपा के नेता द्वारा बचाऐ जाने का मामला भी सुर्खीयों में है। मजे की बात तो यह है कि पहली सूची में लिप्त 8 व्यक्तियों को छोडकर अन्य मोटी आसामियों पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है।

क्या है मामला
मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी अनुविभाग नागदा जिला उज्जैन द्वारा सूचना पत्र क्रमांक 2079 दिनांक 10 दिसम्बर 2020 को मुनपा अधिकारी को जारी किया गया था। एसडीएम द्वारा जारी सूचना पत्र में 12 अवैध काॅलोनाईरों के नाम दर्ज थे जिसमें से प्रशासन ने मात्र 4 लोगों पर ही कार्रवाई की। जबकि उक्त सूची में जवाहर मार्ग पर सर्वे नं. 462 शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा करने वाले ओमप्रकाश पिता जगनाप्रसाद का नाम भी पाडल्यांकला की सर्वे क्र. 1412 की भूमि पर अवैध रूप से काॅलोनी काटे जाने का आरोप है। साथ ही सूत्रों का यह भी कहना है कि उक्त व्यक्ति द्वारा जवाहर मार्ग की बेशकीमती शासकीय जमीन पर भी अवैध रूप से कब्जा कर रखा है जिसका खुलासा भी जनवरी 2020 को हो चुका है। लेकिन बावजुद इसके राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासन उक्त व्यक्ति पर कार्रवाई करने से बच रहा है। साथ ही सूचना पत्र में दर्ज अन्य व्यक्ति जिसमें शहर के नामचीन व्यक्ति घनश्याम पिता बाबूलाल का नाम भी दर्ज जिन्होंने पाडल्याकलां की सर्वे नं. 1406, 1414 पर अवैध काॅलोनी काटने का आरोप लगाया गया है। इसी प्रकार सूचना पत्र में 6 अन्य ऐसे नाम है जिसमें मेहतवास की भूमि पर काॅलोनी काटने वाले सुनील, रणजीत राजपुत, मोहन, राजेश, कैलाश, रमेश, संतोष पिता भेरूलाल, श्रीमती दुर्गाबाई, गोविन्द, विष्णु, बसंत, विनोद, त्रिबंकराव, राधेश्याम पिता बाबुलाल, बाबूसिंह प्रहलादसिंह आदि ऐसे नाम है जिनके विरूद्ध प्रशासन ने कार्रवाई को लेकर अपने हाथ राजनीतिक दबाव में पीछे खींच लिए है।

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शासकीय भूमियों को छुडाने में प्रशासन की बेरूखी क्यों ?

राजस्व रिकार्ड में दर्ज सर्वे नम्बर 718/2 रकबा 0.0520, 718/1/मीन-2 रकबा 0.1700, 718/1/मीन1 रकबा 0.2480, 719/मीन-2 रकबा 0.070, 720/1/मीन-1 रकबा 0.2090, 467/1 रकबा 0.1880, 466/2 रकबा 0.0530, 465/2 रकबा 0.0210, 463 रकबा 0.630, 462 रकबा 0.904, 461/2 रकबा 0.420, 461/1 रकबा 0.1870, 460 रकबा 0.0730, 459/2 रकबा 0.1770, 458 रकबा 0.1360, 457/2 रकबा 0.210, 456/2 रकबा 0.0100, 456/1/2 रकबा 0.2510 ऐसी भूमियाॅं है जो या तो पूर्व में शासकीय रही है या वर्तमान में भी है। लेकिन प्रशासन इन बेशकीमती भूमियों को छुडाने के कोई सक्रिय प्रयास नहीं कर रहा है।
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