Nagda(mpnews24)- देश की प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय राष्ट्र वंदन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। आयोजन के प्रमुख अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार श्री हरेराम वाजपेयी, इंदौर थे। प्रमुख वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक एवं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा थे। अध्यक्षता वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख, पुणे ने की। विशिष्ट अतिथि प्रवासी साहित्यकार श्री सुरेशचंद्र शुक्ल शरद आलोक, ओस्लो, नॉर्वे, श्रीमती सुवर्णा जाधव, मुंबई एवं संस्था के महासचिव डॉ प्रभु चौधरी थे।
संस्था के महासचिव डॉ प्रभु चौधरी ने प्रास्ताविक भाषण में कहा कि आज हम स्वतंत्र तो हैं, किंतु मानसिक गुलामी से पूरी तरह मुक्त नहीं हुए हैं। यह तभी संभव होगा जब हम अंग्रेजियत से मुक्ति प्राप्त करेंगे।
वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती सुवर्णा जाधव, मुंबई ने अपनी कविता के माध्यम से आह्वान किया, भारत हमारा है महान, उसकी रखेंगे हम शान।
कवि श्री सुंदर लाल जोशी, नागदा ने अपने गीत के माध्यम से आह्वान किया, अवसर है गणतंत्र दिवस का जमकर जश्न मनाएंगे। राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ मुक्ता कान्हा कौशिक, रायपुर की कविता की पंक्तियाँ थीं, ख़ुश नसीब होते हैं वो लोग, जो इस देश पर कुर्बान होते हैं, जान दे के भी वो लोग अमर हो जाते हैं, करते हैं सलाम उन देश प्रेमियों को।
डॉ सुनीता चौहान, मुंबई ने आवाहन कविता प्रस्तुत की, जिसकी पंक्तियां थीं, मन मानस की चाक पर, दिये बनाएं मिलकर हम। फिर स्नेह की ज्योति से, रोशन करें धरती को हम। डॉ जयभारती चंद्राकर, रायपुर ने भी अपनी कविता सुनाई।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना की प्रस्तुति से डॉ पूर्णिमा कौशिक, रायपुर ने किया। स्वागत भाषण संस्था के महासचिव डॉ प्रभु चौधरी ने दिया। संगोष्ठी की प्रस्तावना गरिमा गर्ग, पंचकूला ने प्रस्तुत की। उन्होंने एक रचना सुनाई, जिसकी पंक्तियाँ थीं, आओ हम सब गणतंत्र दिवस मनाते हैं। पाया था जो मुश्किल से हमने जीवन में। हम मिलकर अधिकारों का जश्न मनाते हैं। आओ हम सब गणतंत्र दिवस मनाते हैं।
आयोजन में श्रीमती सुवर्णा जाधव, मुंबई, डॉ मुक्ता कौशिक, रायपुर, डॉ गरिमा गर्ग, पंचकूला, आभा मुकेश साहनी, पंचकूला, सुनीता गर्ग, सुनीता चौहान, मुंबई, डॉ आशीष नायक, रायपुर ललिता घोड़के, गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी, प्रयागराज, श्री जी डी अग्रवाल, इंदौर, विजय प्रभाकर नगरकर, अहमदनगर, लता जोशी, मुम्बई, प्रवीण बाला, पटियाला, डॉ रश्मि चौबे, गाजियाबाद, श्रीमती पूर्णिमा कौशिक, रायपुर सहित अनेक शिक्षाविद एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।
कवि सम्मेलन का सफल संचालन डॉ मुक्ता कौशिक, रायपुर ने किया।
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