Nagda(mpnews24)। नगर में प्रशासन में बैठे अधिकारियों द्वारा महापुरूषों की प्रतिमा स्थापित करवाई गई। प्रतिमा स्थापना में दोहरा मापदण्ड अपनाकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करके उत्कृष्ट सड़क के बीच प्रतिमा स्थापित करवाने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही व उत्कृष्ठ सड़क के बीच स्थापित प्रतिमा को उचित स्थान पर लगवाना चाहिये।
दलित अधिकार मंच ने उठाई आवाज
दलित अधिकार मंच के संयोजक मदन राजोरा ने लिखित प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि नागदा नगर में महापुरूषों की प्रतिमा स्थापना हेतु भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा न. पा. कार्यालय के सामने महिदपुर रोड़ चैराहे पर, महाराणा प्रताप व राजा जन्मेजय की प्रतिमा बायपास चैराहा जोकि उत्कृष्ठ सड़क पर बना है लगाना सुनिश्चित किया गया। प्रतिमा स्थापना के समय बाबा साहब की प्रतिमा पर सर्वोच्च न्यायालय व दुर्घटना का हवाला देकर रोक लगवा दी गई व स्थान परिवर्तन करके बाबा साहब की प्रतिमा को पुराने बस स्टेण्ड के यात्री प्रतिक्षालय पर लगवाना सुनिश्चित किया जिसमें बाबा साहब के अनुयायियों ने सहर्ष सहमति देकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए सहयोग दिया वहीं दूसरी ओर मनुवादी मानसिकता के अधिकारियों ने सामाजिक व राजनैतिक दबाव में दोहरा मापदण्ड अपनाते हुए अन्य प्रतिमा को उत्कृष्ठ सड़क के बीचोबीच स्थापित करवाकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की खुलेआम अवहेलना की गई इस प्रकार एक ही सड़क पर दो नियम लागू करके बाबा साहब के अनुयायियों के सम्मान को ठेस पहुंचायी गई।
दलित अधिकार मंच संयोजक राजोरा ने देश के मान. प्रधानमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री, जिला कलेक्टर एवं संबंधित आला अधिकारियों को लिखित शिकायत करके सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।
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