Nagda(mpnews24)। संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा बनाए गए नागदा विकास योजना 2035 (प्रारूप) को जारी कर शहर के नागरिकों से आपत्ति एवं सुझाव आमंत्रित किए गए थे। शहर विकास के प्रारूप का अध्ययन करने के उपरांत शहर के लगभग 73 जागरूक नागरिकों ने अपने सुझाव एवं आपत्तियाॅं विभाग को प्रस्तुत की है। उक्त आपत्तियों एवं सुझाव पर 18 मार्च को उज्जैन के बृहस्पतीभवन में सुनवाई की जाऐगी। प्रारूप पर की जाने वाली सुनवाई को लेकर गतदिनों नागदा एक विभाग के अधिकारियों के समक्ष कई लोगों ने इस बात को कहा था कि उज्जैन के स्थान पर नागदा में सुनवाई की जाना चाहिए। क्योंकि वर्तमान में कोविड महामारी के चलते आवागमन के साधन भी सीमित है तथा 73 शहरवासियों को उज्जैन बुलाने के बजाए विभाग के 4-5 व्यक्ति ही नागदा आकर सुनवाई कर सकते है। उक्त संबंध में लिखित आपत्ति प्रस्तुत करने के बाद भी विभाग एवं जिला कलेक्टर द्वारा शहरवासियों की बात को नहीं सुना तथा सुनवाई आज उज्जैन में ही की जाऐगी। ऐसे में 6 दर्जन से अधिक नागरिकों को उज्जैन जाने पर मजबूर होना होगा।
शासकीय विभागों के अडीयल रूख के कारण ही नहीं हो पाता सही विकास
गौरतलब है कि शहर विकास परियोजना 2035 को बनाने के दौरान भी आॅफिस में बैठक ही कार्ययोजना को अंजाम दे दिया गया। इतना ही नहीं जब प्रारूप जारी किया गया तथा उस पर शहर के जागरूक नागरिकों ने अपने सुझाव एवं आपत्तियाॅं प्रस्तुत की तो उनकी सुनवाई अब जिला मुख्यालय पर होगी। ऐसे में 73 में कई नागरिक अपनी बात को रखने के लिए 50 किलोमीटर की यात्रा नहीं कर पाऐगे। साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी काफी असुविधा होगी जिन्हें कोरोना संकट के बीच यात्रा करने पर मजबूर होना होगा।
Post a Comment