क्या है मामला
कर्यालय कलेक्टर (काॅलोनी सेल) जिला उज्जैन द्वारा पत्र क्रमांक/का.सेल/अवैध का./2020/295 उज्जैन दिनांक 9 दिसम्बर 2020 को अनुविभागीय अधिकारी आशुतोष गोस्वामी को एक पत्र नागदा शहर सीमा में अवैध काॅलोनी निर्माण किये जाने वाले व्यक्तियों पर कार्यवाही करने के संबंध में लिखा था। उक्त पत्र एसडीएम के पत्र क्रमांक 20230 दिनांक 5 दिसम्बर 2020 के प्रतिउत्तर में दिया गया था। लेकिन आश्चर्य का विषय है कि अवैध काॅलोनाईजरों पर कार्रवाई के लिए प्रशासन ने जिस प्रकार से कार्रवाई को प्रारंभ किया था उसमें ढिलाई बरत ली गई तथा कलेक्टर काॅलोनी सेल द्वारा स्पष्ट रूप से अवैध काॅलोनी काटने वाले घनश्यामलाल पिता बाबूलाल पाडल्या कला दर्ज प्रकृरण क्र. 0058/द-121/2020-21 एवं राधेश्याम पिता बाबुलाल अग्रवाल निवासी निवासी पाडल्या कलां पंजीबद्ध प्रकरण क्र. 0070/द-121/2020-21 के विरूद्ध कोई कार्रवाई आज तक नहीं की गई। जबकि अन्य 11 लोगों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कर 4 लोगों को जेल तक भेज दिया गया। प्रशासन की इस पक्षपातपूर्ण कार्रवाई ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर उंगलियाॅं उठा दी है।
एसिड माफिया की अवैध काॅलोनी पर कार्रवाई कब ?
मामले में सूत्रों का तो यहाॅं तक कहना है कि पूर्व में खाकी का दामन छोड एसिड माफिया बने शहर के एक बडे ट्रांसपोर्टर ने अवैध काॅलोनाईजरों पर कार्रवाई के दौरान ही स्टेट हाईवे-17 पर बने रेल्वे ब्रिज के ठीक नीचे की तरफ कई बीघा कृषि भूमि पर अवैध काॅलोनी काट दी है। उक्त कृषि भूमि पर बिना विधिवत अनुमती प्राप्त करे ही गिट्टी की सडक आदि बनाकर प्लाॅट काटने की तैयारी की जा रही है। बताया जाता है कि ट्रांसपोर्टर द्वारा उक्त भूमि शहर के एक हार्डवेयर संचालक से क्रय की है तथा बिना व्यय परिवर्तन करवाऐं एवं रेरा में पंजीयन किए बिना ही प्लाॅट काटने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है। देखना है प्रशासन ऐसे लोगों पर कार्रवाई कब करता है तथा निष्पक्ष कार्रवाई किए जाने को भी चरितार्थ करता है।
Post a Comment