बीआरसी श्री द्विवेदी ने उक्त निर्देश हालांकि 10 फरवरी को जारी किए हैं लेकिन अभी तक इस पर अमला होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। यदि ऐसा होता तो बिरलाग्राम में संचालित होने वाले नामचिन विद्यालय आज भी संपूर्ण शिक्षण शुल्क नहीं वसुल रहे होते। वैसे बीआरसी ने जो निर्देश दिए उनमें इस बात का उलेख किया गया है कि पालकों द्वारा प्रतिदिन शिकायत की जा रही है कि कतिपय विद्यालयों द्वारा पूर्ण शुल्क की मांग पालकों से की जा रही है जो कि शासन के निर्देशों की स्पष्ट अवहेलना है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोविड-19 संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए शासन ने स्पष्ट निर्देश जारी किये हैं कि सत्र 2020-21 में सिर्फ शिक्षण शुल्क ही लिया जाना है। ऐसे में सभी निजी विद्यालय संचालकों को निर्देशित किया जाता है कि आप सभी अपने विद्यालय के सूचना पटल पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा एप्रुप फीस स्ट्रक्चर की प्रति अनिवार्यतः प्रदर्शित करें। कई विद्यालयों द्वारा स्वतः कोविड-19 संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए अपने स्तर पर दो से चार माह तक का शिक्षण शुल्क माफ किया गया है। इसकी जानकारी भी सूचना पटल पर दिऐ जाने के निर्देश दिए गए है।
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विभाग सिर्फ निर्देशों तक सिमित, विद्यालय आज भी जबरिया कर रहे वसुली
इसे विडम्बना ही कहा जाऐगा कि विभाग जबरिया फीस वसुली को लेकर निर्देश जारी कर रहा है, बावजुद इसके शहर में संचालित होने वाले फातिमा कान्वेंट विद्यालय, वर्धमान स्कूल तथा बिरलाग्राम में संचालित होने वाले कई स्कूल आज भी संपूर्ण फीस अभिभावकों से वसुल रहे है। इतना ही नहीं फातिमा स्कूल द्वारा तो कई विद्यार्थीयों को 9 माही परीक्षाओं के हाॅल टिकिट भी तब तक नहीं दिए जब तक कि विद्यार्थीयों के अभिभावकों ने फीस जमा नहीं कर दी। ऐसे कई अभिभावकों ने अपना नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर अपनी आपबीती सुनाई। बावजुद इसके एसडीएम, तहसीलदार, बीआरसी, बीईओ सभी को शिकायत के बाद भी आज तक कोई हल नहीं निकल पाया है तथा विभाग के अधिकारी सिर्फ निर्देश जारी करते है लेकिन विद्यालय संचालक आज भी अपनी मनमानी करने पर उतारू हैं।
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