श्री गुर्जर ने बताया कि सायलो केन्द बोरखेडा पित्रामल महिदपुर विधानसभा क्षैत्र का गांव है परंतु बोरखेडा से 25 कि.मी. के अंदर के महिदपुर के गांवों को सायलो केन्द्र में सम्मिलित नहीं करते हुए नागदा विधानसभा क्षैत्र के बैरछा सोसायटी सहित भाटीसुडा सोसायटी, मार्केटिंग नागदा के गांवों कों नियम विरूद्ध सम्मिलित कर लिया गया है।
श्री गुर्जर ने कहा कि बोरखेडा सायलो केन्द्र से महिदपुर सिटी की दुरी 22 कि.मी. है तथा उसके आसपास के गांवों को सायलो केन्द्र में सम्मिलित नहीं किया गया हैं जो इस बात का स्पष्ट इशारा करता है कि राजनैतिक दबाववश बैरछा सोसायटी के गंावों कलसी, अलसी, अटलावदा, निनावटखेडा, गिदगढ, बैरछा को सायलो केन्द्र में सम्मिलित किया गया है जिससे किसानों पर परिवहन का आर्थिक भार पडेगा।
श्री गुर्जर ने कहा कि सायलो केन्द्र उद्योगपतियों द्वारा संचालित है और उनसे मध्यप्रदेश शासन द्वारा 30 हजार टन का एग्रीमेन्ट किया है तथा उनकी सुविधा एवं बिजनेस देने हेतू किसानों को असुविधा में डाल दिया गया है गांवों की दुरी को कम करके बता दिया गया है जबकि वास्तविक दुरी अधिक है। जिन किसानों के पास भूमि कम है जिसके कारण उनका उत्पादन कम होता है को 20 से 25 कि.मी. अधिक दुरी पर ले जाकर बेचने पर टैक्टर का किराया, भाडा ही प्रतिदिन 2500 से 3000 रूपये से अधिक है जिससे किसानों को समर्थन मुल्य पर गेहूॅं बेचने पर फायदा कम व नुकसान ज्यादा होगा। सायलो केन्द्र पर बेचने के बजाय व्यापारी व मण्डी में बेचना अधिक पंसद करेगें।
प्राप्त जानकारी अनुसार सायलो केन्द्र प्रबंधक व शासन के मध्य एग्रीमेन्ट है कि 20 कि.मी. से अधिक दुरी पर सायलो प्रबंधक द्वारा किसानों को किराया, भाडा देने का प्रावधान है क्योंकि पूर्व में खरीदी केन्द्र से गेहूॅं परिवहन करने पर शासन को ट्रक का भाडा, बारदान, खाली व भराई की हम्माली देना पडती थी जिससे सरकार को करोडों रूपये की बचत होगी परंतु इसके विपरित किसानों को अधिक दुरी तय करने पर ट्रैक्टर किराया, डीजल का खर्च किसानों पर आवश्यक भार के रूप में पडेगा इसलिए शासन को चाहिए कि वो किसानों के ट्रैक्टर का भाडा दें या सायलो पर तोलने वाले गेहूॅं के मुल्य में बढोतरी करे जिससे किसान आर्थिक भार से बच सके।
इस अवसर पर जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध स्वामी, मण्डलम अध्यक्ष जगदीश शर्मा, गोपाल पटेल, सरपंच भगवानसिंह गुर्जर, सुरेन्द्रसिंह गुर्जर, दिलीपसिंह, दरबारसिंह कलसी, गफुर खां, शैलेन्द्रसिंह चैहान, पप्पुसिंह पंवार, समीर खां, रईस खां, घनश्याम सिंह, छोटु खां, विशाल, अनवर खां, शोभाराम, नागुसिंह, दुर्गालाल, रामेश्वर, जीवन, भेरूलाल आदि उपस्थित थे।
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