नागदा - प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के आव्हान पर स्थानिय प्रशासन एवं नागरिक सहेजे जल की एक-एक बून्द पुराने तालाबों एवं बावडियों को नवीन स्वरूप देकर बढाया जा सकता है भूमिगत जलस्तर




Nagda(mpnews24)।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान द्वारा पानी की एक-एक बुन्द सहजने हेतू नई जल संरचनाओं का निर्माण व पुरानी संरचना का पुन उद्धार करने का आमजनता से आव्ह्ान किया है।

सथानिय प्रशासन बनाऐ योजनाऐं
स्थानीय प्रशासन द्वारा इस ओर गंभीरता से लेते हुए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाओं का क्रियान्वयन किस प्रकार से हो ग्रामीण क्षैत्रों में नदी, नालों पर मनरेगा से स्टाप डेम, चेक डेम, बोरी बंधन कहां-कहां किया जाए इसकी रूपरेखा बनाना प्रारंभ कर दिया है इसी प्रकार शहरी क्षैत्रों में पुराने कुंए, तालाब आदि के संबंध में योजना बनाई जा रही है।

वर्षो बीते आज तक नहीं हुआ जलाशयों पर कोई कार्य
नागदा में पुवाडलिया-पाल्या तालाब (बनबना) के गहरीकरण, मरम्मतीकरण किए जाने की योजना साथ ही अमलावदिया रोड पर फाॅर्चुन माॅल के सामने नगर पालिका द्वारा तालाब की योजना बनाई थी इस पर क्रियान्वयन नहीं हो पाया है इस पर पुनः विचार किया जा रहा है।

मात्र 10 लाख खर्च करने से पुर्नजीवित होगा तालाब
साथ ही चेतनपुरा में भीमपुरा रास्ते पर ग्राम पाडलिया कलां सर्वे क्रं. 13, 14, 27, 28, 29, 31, 32, 33, 41, 42 पर देश की आजादी के पूर्व का एक पुराना तालाब है जिसकी संरचना वर्तमान में विद्यमान है इसमें 10 लाख रूपये खर्च करके तालाब को पुर्न जीवित किया जा सकता है। टाउन एवं कन्ट्री प्लानिंग द्वारा उक्त सर्वे नम्बर को 2021 व 2035 के मास्टर प्लान में ग्रीन बेल्ट एवं तालाब को दर्शाया गया है। तालाब वेस्ट वियर को क्षतिग्रस्त कर भुमाफिया लोगों ने तालाब की जमीन पर कब्जा कर अपने निजी नामों से करा ली है जबकि पुराने रिकाॅर्ड में आज भी शासकीय भुमि दर्ज है तालाब को पुनः जीवित करने हेतू कार्यवाही करने का मन बना रहा है।

नवीन बस स्टेण्ड के दक्षिण में फूटा तालाब के अवशेष अब भी मौजुद
नये बस स्टेण्ड के पीछे दक्षिण में तालाब के अवशेष अब भी मौजुद है पूर्व में तालाब पुरा भरने पर रेल्वे लाईन को खतरा पैदा हो जाता था इस कारण उसमें पानी रोकना बंद कर दिया जिससे वह फुटा तालाब के नाम से मशहुर था प्रशासन प्रधानमंत्री के जल संरक्षण के आव्ह्ान पर गंभीरता से कार्यवाही करता है तो नागदा का भुमिगत जल स्तर निश्चित रूप से बढेगा और वर्षा का जल बहकर नहीं जाते हुए भूमि में संचित होगा।
Ετικέτες

Post a Comment

[blogger]

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget