नागदा - मानसून आने में 84 दिन बाकी, 88 दिन का पानी शेष, लगातार कम हो रहा नदी का पानी



Nagda(mpnews24)।  बीते कई वर्षो बाद पहली बार मार्च-अप्रैल में तापमान काफी अधिक रिकार्ड किया जा रहा है। तापमान में हो रही लगातार वृद्धि के चलते चंबल नदी जो कि शहर की जीवन दायिनी कही जाती है में तेजी से जलस्तर कम हो रहा है। आलम यह है कि 30 मार्च को चंबल में 285.65 एमसीएफटी पानी शेष था। बीते 6 दिन में 18 एमसीएफटी पानी की खपत होने से चंबल में 267.65 एमसीएफटी पानी शेष बचा है। अगर प्रतिदिन 3 एमसीएफटी ही पानी खर्च होता है तो चंबल मंे 88 दिन का पानी शेष है और मानसून आने की तारीख यदि 30 जून मानी जाऐ तो मानसुन आने में अभी 84 दिन बाकी हैं। ऐसे में शहर की जल का वितरण तो किया जा सकता है लेकिन लगातार तापमान बढता है तथा वाष्पीकरण अधिक होता है तो हालात सामान्य नहीं रह पाऐंगे तथा लगातार 3 एमसीएफटी से अधिक पानी की खपत प्रतिदिन होती है तो शहर मंे जलसंकट गहरा भी सकता है।

बढ़ती गर्मी के बीच जलसंकट की आहट नगर में सुनाई देने लगी है। वर्तमान में नपा दोनों समय यानी सुबह-शाम पेयजल की सप्लाई कर रही है लेकिन नगर में कई क्षेत्रों में व्यर्थ पानी बह रहा है। जिससे आगामी समय में जलसंकट की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना को लेकर को नपा प्रशासक व एसडीएम आशुतोष गोस्वामी ने अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें अधिकारियों ने स्वयं स्वीकारा कि दोनों समय पेयजल सप्लाई में कई क्षेत्रों में पानी नाली में बह रहा है, तो वहीं लोग भी व्यर्थ पानी बहा रहे हैं। ऐसे में अगर अभी से निर्णय नहीं किया गया तो आगामी समय में जलसंकट की स्थिति बन सकती है। जिस पर प्रशासक व अधिकारियों द्वारा एक समय पर्याप्त मात्रा मंे पेयजल उपलब्ध कराने की बात कही। हालांकि एक सप्ताह में रूपरेखा तैयार कर इसे लागू किया जाएगा।
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