अभिभावक कल्याण संघ के अध्यक्ष द्वारा यह बताया गया कि मेरे द्वारा अभिभावको के हित में लड़ाईया लड़ी और स्कूलो की मनमानी के खिलाफ प्रशासन व शिक्षा विभाग में कई शिकायते कर उनका निराकरण कर अभिभावको को न्याय दिलवाया। स्थानीय मदर मेरी हायर सेकेण्डरी स्कूल में अध्ययनरत उनके पुत्र भावेसिंह चैहान जो कि कक्षा 11वीं में अध्ययनरत है जिसको फीस जमा नहीं होने के कारण प्रवेश पत्र देने से इंकार कर दिया। जिस पर से उनके द्वारा अधिकारी के संज्ञान में मामला लाया गया। अधिकारियों के दबाव में स्कूल प्रशासन द्वारा छात्र को प्रवेश पत्र दिया गया। इसी प्रकार अन्य अभिभावको के साथ ही यही समस्या आयी थी।
मदर मेरी विद्यालय में कक्षा 11वीं के दो पेपर ऑफलाइ्रन हो चुके थे इस दौरान 6 अप्रैल को शासन द्वारा आदेश दिये गये कि विकल्प 1 ऑनलाईन परीक्षा का आयोजन होगा, विकल्प नं. 2 विद्यालयो से प्रश्न पत्र वितरीत होंगे जिसे विद्यार्थी घर पर हल कर विद्यालय में पुनः जमा करा सकेंगे। इसी आदेश के अनुरूप उनका पुत्र पेपर लेने विद्यालय पहुंचा तो मदर मेरी स्कूल ने प्रश्न पत्र हल करने हेतु दिया साथ ही स्कूल का एक शिक्षक स्पेशल रूप से बिना किसी शासन के आदेश के बालक के साथ घर पर भेजा और कहा कि उक्त शिक्षक घर पर बैठकर मेरे बेटे की परीक्षा लेगा। मेरे द्वारा इस बात की जानकारी शिक्षा विभाग खाचरौद के अधिकारी एवं, नरेन्द्र रघुवंशी, बीआरसी सनथ व्यास से मोबाईल पर चर्चा की गई तो उन्होने बताया कि ऐसा कोई आदेश या नियम नहीं है कि कोई शिक्षक घर पर परीक्षा लेने के लिये आयेगा। बिना किसी आदेश के स्कूल की संचालिका द्वारा जानबुझकर एवं दबाव बनाने के लिये व प्रताडित करने के उद्देश्य से मेरे खिलाफ नियमो के विपरीत कार्य किया गया।
मेरे द्वारा मदर मेरी स्कूल के खिलाफ लेखी शिकायत एसडीएम नागदा, कलेक्टर उज्जैन, जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी खाचरौद, बाल संरक्षण विभाग एवं मानवाधिकार आयोग भोपाल में की गई है। जिसमें मांग की है कि उपरोक्त स्कूल संचालिका द्वारा शासन के आदेश को न मानते हुए अपनी मनमानी करते हुए व मेरे व मेरे परिवारजन को प्रताडित करने पर मुकदमा दर्ज करने एवं शासन के नियमानुसार कार्यवाही करने की जाए।
Post a Comment