प्रेषित ज्ञापन में व्यवसाईयों ने मांग की कि पिछले वर्ष मार्च, अप्रैल, मई, जून में लाॅकडाउन के कारण हमारा व्यवसाय पुरी तरह चैपट हो गया। उन्होनंे कहा कि उनका व्यवसाय सीजनल है जो कि निश्चित मुहुर्त के मुताबिक 40 से 60 दिन चलता है, जिससे उनकी आजीविका चलती है। पिछले वर्ष हुए नुकसान से वह उबर भी नहीं पाऐ थे कि इस शासन ने पुनः कडे नियम लागू कर दिए है जिसके चलते उनका व्यवसाय पुरी तरह चैपट हो जायेगा।
व्यवसाईयों ने कहा कि मांगलिक आयोजना की तारीखें पूर्व से बुक कर रखी है और अचानक कोविड-19 की वजह से तय गाईड लाईन जारी कर लिमिट बना दी गई है। व्यवसाईयों ने कहा कि हम शासन की गाईड लाईन का पालन करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि गार्डन संचालक, हलवाई स्टाफ, टेन्ट हाउस स्टाफ, केटरिंग लेबर स्टाफ, लाईट डेकोरेटर, साउण्ड सिस्टम, बैण्ड-बाजे, हलवाई वाले, पंडित, ढोलवादक आदि स्टाफ होने के कारण पुरे आयोजन की श्रृंखला जुडी रहती है।
व्यवसाईयों ने कहा कि शासन की गाईड लाईन में सोश्यल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बडे गार्डन क्षेत्रफल की दृष्टि से क्राईटेरिया तय करें तथा अतिथि सत्कार में 500 व्यक्ति की अनुमती प्रदान करें। सभी व्यवसाईयों ने मास्क, सेनेटाईजर, हैण्ड ग्लब्ज इत्यादि का उपयोग करते हुए संक्रमण से बचाव का ध्यान रखते हुए व्यवसाय को सुचारू रूप से चला सकेंगे। सभी व्यवसाईयों ने 5 दिवस में समस्याओं के निराकरण करने की मांग की है।
यह थे मौजुद
इस अवस पर टेंट व्यवसायी संघ, नागदा केटरिंग व्यवसायी संघ, मैरिज गार्डन व्यवसायी संघ, बैण्ड व्यापारी संघ, म्युजिक डीजे व्यापारी संघ, हलवाई कर्मचारी संघ, नागदा फोटो विडियो व्यापारी संघ, फुटपाथ व्यापारी संघ, लाईट डेकोरेशन व्यापारी संघ, केटरर्स लेबर स्टाफ युनियन, फोटोकाॅपी एवं विडियो व्यापारी संघ के पदाधिकारी अरविन्द नाहर, विरेन्द्र गुर्जर, राजा कर्नावट, राजकुमार राठौड आदि मौजुद थे।
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