मरीजों के लिए संघर्ष कर रहे हिन्दूवादी नेता
अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर श्री टाक ने मिडिया को बताया कि वह विगत दो दिनों से देख रहे है कि अस्पताल में लगातार दो मौते हुई है। उन्होंने कहा कि लगातार शहर के नागरिक उन्हें अवगत करा रहे हैं कि अस्पताल में कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है, न तो आॅक्सीजन उपलब्ध है और ना ही अन्य कोई सुविधा मरीजों को मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि मरीजों को स्वयं आॅक्सीजन लाने के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा कहा जा रहा है। ऐसी स्थिति में मरीज दम तोड रहे हैं तथा उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, धार, नीमच जाकर लोग दम तोड रहे है।
सिविल हाॅस्पिटल में मरीजों की हालत दयनिय, अधिकारी मिटिंग में व्यस्त
श्री टाक ने उदाहरण देते हुए बताया कि अस्पताल में मोहनलालजी नामक मरीज भर्ती है जिनकी कोविड जांच रिर्पोट दो-तीन हो गए नहीं आई है, उन्हें मात्र आॅक्सीजन दी जा रही है। इसी प्रकार प्रकाश नगर की महिला मरीज की मौत भी अस्प्ताल में हो गई थी। टाक ने प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी नेताओं के साथ सिर्फ बैठकें कर रहें जबकि धरातल पर वास्तविकता में बहुत हालत खराब है। जिला बनाने की बातें की जाती है लेकिन व्यवस्थाऐं काफी लचर है। नेताओं को अपनी नोटंकी बंद कर अस्पताल की व्यवस्थाओं को दुरूस्त करना चाहिए।
घंटों करना पडा शव वाहन के लिए इंतजार
श्री टांक ने बताया कि विगत 3 घंटे से शव वाहन का इंतजार एक परिवार अस्पताल में कर रहा है, लेकिन वाहन नहीं आया। एसडीएम, नगर पालिका के अधिकारियों को भी जानकारी दी गई लेकिन सभी अधिकारीयों को बताने के बाद भी शव वाहन तक की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। ऐसे में उन परिवारों पर आखिर क्या बीत रही होगी जिनके घर में इस महामारी से गमी हुई है। श्री टांक ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि व्यवस्थाओं को जल्द से जल्द सुधारा जाऐ।
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