नागदा - पुरानी कोटा लाईन मवेशियों के हाट से नए मार्ग का सृजन करने से शहर का यातायात होगा सुव्यवस्थित रेल विभाग से जमीन का अधिग्रहण कर हो सकता है मार्ग निर्माण, शहर के सौंदर्य में लगेंगे चार चांद



Nagda(mpnews24)।  वर्तमान दौर में शहरों के सौंदर्यीकरण एवं स्वच्छता को लेकर केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा रेंकिंग प्रणाली को लागू कर शहरों को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के प्रयास किए जा रहे है। इसी कडी में यदि नागदा शहर के सौंदर्यीकरण एवं सुव्यवस्थित यातायात को लेकर कोटा फाटक एप्रोच रौड चैराहे से सीधे मवेशियों के हाट वाली जमीन से होते हुए सीधे बायपास तक मार्ग निर्माण करने से क्षेत्र को एक नई सौगात मिल सकती है। वर्तमान में उक्त भूमि खुली अवस्था में स्थित है तथा यहाॅं काफी गंदगी आदि भी रहती है। कच्चा मार्ग तो बना हुआ लेकिन यदि मात्र एक-डेढ किलोमीटर के मार्ग का निर्माण यदि हो जाता है तो शहर के सौंदर्यीकरण में चार चांद लग सकते हैं तथा जावरा-उज्जैन बायपास मार्ग से सीधे भारी वाहन उक्त नवीन मार्ग से एप्रोच रोड होते हुए औद्योगिक क्षेत्र में पहुॅंच जाऐंगे। जिससे इंगोरिया रोड रहवासी बस्ती से होकर गुजरने वाले भारी वाहनों से क्षेत्रवासियों को निजात मिल जाऐगी।

नए मार्ग के सृजन से बढेगी क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियाॅं
कोटा फाटक एप्रोच रोड के सीधे मवेशियों के हाट से होते हुए बायपास तक वर्तमान में कच्चा मार्ग उपलब्ध है। पूर्व में यहाॅं कोटा रेल लाईन स्थित थी लेकिन नवीन रेल लाईन बनाऐ जाने से उक्त भूमि वर्तमान में ऐसे ही अनुपयोगी पडी हुई। रेल प्रशासन उक्त भूमि के स्थान पर राज्य शासन से अन्यंत्र दुसरी भूमि प्राप्त कर नऐ मार्ग का सृजन किया जा सकता है। जिससे क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियों को भी खासा बढावा मिलने की संभावनाऐं बन जाऐंगी। साथ ही कोटा फाटक क्षेत्र जो कि वर्तमान में रेल प्रशासन की खूली भूमि पर पडे कचरे एवं अव्यवस्थाओं के चलते काफी अस्त-व्यस्त दिखाई देता है वहाॅं सौंदर्यीकरण भी हो जाऐगी।

नगर विकास परियोजना में दिया है विधायक ने प्रस्ताव
गौरतलब है कि क्षेत्र के विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने नगर विकास परियोजना के प्रारूप प्रकाशन तथा दावे-आपत्तियों में उक्त मार्ग के सृजन करने का प्रस्ताव शासन को दिया है। एप्रोच रोड के सामने से गुजरने वाले मार्ग के समीप ही विद्यानगर सहित कई रहवासी काॅलोनियाॅं स्थित है जहाॅं आवागमन के साधन काफी सिमित है। विकास परियोजना में दिए गए प्रस्ताव के तहत यदि नए मागर्् का सृजन कर सीधे जावरा-उज्जैन बायपास से जोड दिया जाता है तो बायपास पर भी एक नवीन तिराहे का निर्माण होगा तथा वहाॅं पर भी काफी व्यवसायिक गतिविधियों के अवसर मिल सकते है। ऐसे में शहर के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ व्यवसायिक गतिविधियों की भी अपार संभावनाऐं इसमें दिखाई दे रही है। शासन को जनहित एवं क्षेत्र के रहवासियों के हित में रेल प्रशासन की जमीन का अधिग्रहण कर नवीन मार्ग का सृजन जल्द से जल्द करना चाहिए।
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