श्री गुर्जर ने बताया कि गेहूॅं, चना फसल की राशि किसान ने बाजार से तथ बैंकों से लिया ऋण अदायगी में खर्च कर दिया है फिलहाल तो बोने के लिए कई किसानों के पास बीज भी उपलब्ध नहीं है ऐसी स्थिति में उर्वरक डीएपी की किमत में भारी वृद्धि (1900 रूपये प्रति बोरी) कर देने से प्रदेश के किसानों की तो कमर टुट गई है।
श्री गुर्जर ने इस और भी ध्यान दिलाया कि जिला सहकारी बैंकों में किसान ने मार्च में ही शुन्य प्रतिशत राशि वाला ऋण जमा कर दिया है लेकिन इन बैंकों ने किसान का नया नारमल (प्रस्ताव) तैयार नहीं किया है। प्रदेश का किसान कोरोना महामारी और पेट्रोल, डीजल, खाद सामग्री, रसाई गैस के दामों से जुझ रहे है और उपर बेहताशा खाद की किमतों में आश्चर्य जनक रूप से बढोतरी से प्रदेश के अन्नदाताओं पर एक और भारी बोझ डाल दिया है। डीएपी, एनपीके की किमत 1200 से बढाकर 1900 रूपये कर देना सरासर किसानों के साथ अन्याय है।
श्री गुर्जर ने कहा कि किसान विरोधी यह निर्णय किसी भी रूप में स्वीकार नहीं है अगर सरकार ने बढी हुई खाद की किमते वापस नहीं ली तो कांग्रेस किसान हित में चरणबद्ध आंदोलन करेगी।
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