क्या है मामला
मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार गेहॅू उपार्जन केन्द्र पर फसल को विक्रय करने के उपरांत कृषकों के खातों में लगभग 48 करोड रूपये की राशि आई है। वहीं किसान सम्मान निधि के 2000 रूपये की राशि भी 3500 कृषकों के खातों में जमा हो चुकी है। जिसकी जानकारी ग्रामीण किसानों को लगते ही एकसाथ सैकडों की संख्या में किसान जिला सहकारी बैंक पहुॅंच रहे है। मंगलवार को भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। बैंक परिसर में तो कृषकों की भारी भीड थी ही साथ ही बैंक के बाहर भी सैकडों की संख्या में किसान बैठे हुए थे। इनके द्वारा सोश्यल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा था तथा मास्क भी नहीं लगा रखा था। जिसके चलते बैंक प्रबंधक द्वारा टोकन के माध्यम से ही किसानों को राशि उपलब्ध करवाई गई। कोरोना महामारी के इस दौर में यदि इतनी भीड बैंकों में उमडेगी तो संक्रमण के और अधिक फैलने की आशंका है। वैसे भी वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से बढ रहा है। ऐसे में प्रशासन को जल्द ही कुछ करने की आवश्यकता है।
इनका कहना है
मंगलवार को 300 टोकन वितरित कर ग्रामीणजनों को राशि उपलब्ध करवाई गई है। शाखा में किसान सम्मान निधि एवं गेहूॅं विक्रय की राशि प्राप्त करने हेतु बडी संख्या में किसान आ रहे है। उन्हें समझाईश दी जा रही है तथा जितने टोकन वितरित किए गए है उन्हीं को बैंक में आने को कहा जा रहा है।
बालकृष्ण शर्मा, मैनेजर जिला सहकारी बैंक, शाखा नागदा
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