नागदा - कोरोना से जंग जीत रहे लोग, लगातार स्वस्थ्य होकर घर लौट रहे



Nagda(mpnews24)।  कोरोना महामारी से संक्रमित होने के बाद भी इस बिमारी से लडकर तथा स्वस्थ्य होकर घर लौटने वालों की संख्या दिनों-दिन बढती ही जा रही है। शहर में संचालित सिविल हाॅस्पिटल के आईसीयू वार्ड, आईसोलेशन एवं कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड से प्रतिदिन स्वस्थ्य होकर लोटने वालों का सिलसिला जारी है। सिविल हाॅस्पिटल में पदस्थ चिकित्सक एवं बीमा अस्पताल के स्टाफ की कडी मेहनत का यह परिणाम है। वहीं नोडल अधिकारी डाॅ. संजीव कुमरावत, ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर डाॅ. कमल सोलंकी, बीमा के प्रभारी चिकित्सक डाॅ. माथे एवं समस्त स्टाफ के सार्थक प्रयासों के चलते शहर से दिनों दिन संक्रमण अब कम हो रहा है। ऐसे में यह खबर काफी सुखद है।

सफलता की कहानी
नागदा निवासी युवक बीमा अस्पताल मे गंभीर स्थिति में उपचार के लिए भर्ती हुआ था, जिस समय युवक को एडमिट किया गया था तब उसका आक्सीजन लेवल 85 था एवं सीटी स्केन मे 55 प्रतिशत लंग्स संक्रमित होकर तेज बुखार भी था। बीमा अस्पताल टीम ने इन्हें चैलेंज के रुप मे लिया, कड़ी मेहनत की, तथा शासकीय कोटे से निःशुल्क रेमेडेसिविर इंजेक्शन लगाए। बुधवार को यह पुर्ण स्वस्थ्य हो कर डिस्चार्ज हुए। इन्होंने बीमा अस्पताल का आभार माना और व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए प्रायवेट अस्पताल से भी उच्च कोटि का अस्पताल बताया।

55 प्रतिशत लंग्स संक्रमित, फिर भी हरा दिया बीमारी को
नागदा निवासी महिला 10 मई को बीमा अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती हुई, तब स्थिति गंभीर थी, लंग्स 55 प्रतिशत तक संक्रमित हो चुके थे और आक्सीजन लेवल 80 था। साथ ही मरीज मानसिक रुप से डरी हुई थी, क्योकि एक चिकित्सक ने उन्हें कह दिया था कि आपके लंग्स बहुत ज्यादा खराब हो चुके है आप तीन दिन से ज्यादा जिंदा नही रहोगें। ऐसी स्थिति मे टीम ने न केवल इलाज किया बल्की मानसिक रुप से भी भरोसा दिलाया, शासकीय कोटे से निःशुल्क रेमेडेसिविर इंजेक्शन दिये। परिणाम स्वरूप आज मरीज पूर्ण स्वस्थ्य हो कर डिस्चार्ज हुए। बीमा कोविड अस्पताल अनवरत मानव सेवा मे समर्पित है।

स्वस्थ्य होने के बाद स्टाफ को प्रदान की कलम
सत्यनारायण परमार जब एडमिट हुए तो आक्सीजन लेवल 80 था और सांस मे बहुत तकलीफ हो रही थी, बुधवार को डिस्चार्ज हो कर घर गए। सत्यनारायणजी स्वयं एक शिक्षक है वो कलम की ताकत को जानते है, यहाॅं से स्वस्थ्य होने पर उन्होने बीमा कोविड अस्पताल की टीम को कलम भेंट की। यह अदभुत और सुखद अनुभव रहा कि एक मरीज ने पूरे स्टाफ के लिये उपहार दिये।
ऐसी अनेक व्यक्ति हैं जो गंभीर रूप से बीमार होने के बाद भी घबराऐ नहीं तथा बीमारी से लडे अपनी मनोस्थिति को मजबुत रखा। ऐसे में भले ही कोई भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो जाऐ लेकिन अपनी मनोस्थिति को मजबुत रखते हुए बीमारी से लडेंगे तो चिकित्सकों को उपचार में भी काफी मदद मिलती है तथा सही उपचार के बाद निश्चित ही स्वस्थ्य होकर घर लौटते है।
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