तिसरी लहर से निपटने के लिए जुटाऐं संसाधन, 200 बेड का हो कोविड सेंटर
ज्ञापन में बताया कि नागदा और खाचरोद की लगभग दो लाख जनसंख्या के अतिरिक्त तीन सौ गाँव नागदा की चिकित्सा सेवा पर निर्भर है। नागदा में विगत दिनो हुए महाप्रकोप में हजारो लोगो को इलाज करवाने इन्दौर, उज्जैन रतलाम व गुजरात जाना पड़ा। लेकिन जनसंख्या को देखते हुए बीमा अस्पताल कोविड सेन्टर मात्र पचास बेड का बनाना नागदावासियो के जीवन से सीधा-सीधा खिलवाड है। शीघ्रताशीघ्र 200 बेड की व्यवस्था और की जानी चाहिये और वर्तमान में प्रस्तावित आक्सीजन प्लान्ट से मात्र पचास बेड पर ही आक्सीजन सप्लाय की जा सकती है। एक और आक्सीजन प्लान्ट शीघ्र डालते हुए सौ आक्सीजन लो मीटर के साथ आक्सीजन गैस सिलेण्डर की आवश्यकता है। 15 चिकित्सको और 50 के लगभग पेरा मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ लोबोरेटेरी उपकरण की आवश्यकता है। जिसकी किसी भी प्रकार की व्यवस्था करने का प्रयास इन जबाबदारो द्वारा नही किया है। केन्द्रीय बीमा का आज तक स्टाफ है। प्रदेश सरकार को अन्तरित कर वित्तीय बजट की व्यवस्था के सन्दर्भ मे दोनो पार्टियो के नेताओ द्वारा कोई प्रयास नही किया है।
सरकारी अस्पताल में हो सीटी स्कैन की सुविधा
चोपडा ने कहा कि कोरोना का इलाज करने के लिये महत्वपूर्ण सिटी स्केन मशीन की मांग भाजपा नेताओ ने नहीं की। उनके द्वारा सीई कम्पनी की 32 स्लाईस मशीन का कोटेशन मंगवाया जिसकी कीमत सुनकर नेताओ की मांग करने की हिम्मत नही हो रही है। भाजपा नेताओ की लापरवाही से आक्सीजन लाइनिंग और बेड की व्यवस्था कोरोना लहर का असर कम होने के बाद शुरू हुई। यदि समय से पूर्व नेता जाग जाते तो नगरवासियों को काफी राहत होती। वरिष्ठ नेताओ की लापरवाही से आम जनता मे भारी आक्रोश व्याप्त है।
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