शासन द्वारा घोषित सहायता राशि मात्र एक लाख रुपये करने से भी जनता मे भारी आक्रोश है। सिटी स्केन एवं सी आर पी रिपोर्ट होने के बावजूद शासन द्वारा जानबूझकर करोना पेशेन्ट की लिस्ट से बहुत सारे मृतको का नाम काट दिया गया है। दवाईयो के दुष्प्रभाव से ईलाज के बाद हार्ट अटेक व अन्य बीमारियो से मरने वाले को करोना पेशेन्ट नही माना जा रहा है। भाजपा नेता के दबाव मे मुवावजा राशि बचाने के लिये मृतको की संख्या मे घालमेल किया जा रहा है। करोना के दौरान बेड एवं ईलाज नही मिलने पर गावो मे और घर पर ही जिनकी मृत्यु हो गई उनको भी कोरोना मृतको की लिस्ट मे सम्मिलित नही किया जा रहा है जिससे जनता मे भारी आक्रोश है।
उक्त संदर्भ में जानकारी देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अभय चोपड़ा ने मांग की है कि शासन द्वारा घर-घर जाकर बिना कोरोना का ईलाज किये जिनकी मृत्यु हुई उनका वरिष्ठ अधिकारीयो से सर्वे करवाकर सूची मे नाम जोड़ा जाय तथा कोरोना के ईलाज के बाद भी घर पहुंच कर जिनकी मृत्यु हुई उनको भी सूची मे सम्मिलित किया जाय। जिन मृतको की सिटिस्केन रिपोर्ट एवं सी आर पी रिपोर्ट है उनको भी करोना का मृतक माना जाय। साथ ही मृतको का मुआवजा चार लारव रुपये किया जाय। यह मांग टवीट के माध्यम से प्रधानमंत्री महोदय, मुख्यमंत्री महोदय, जिला कलेक्टर महोदय और जिला प्रभारी मंत्री महोदय से की है।
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