नागदा - मेडिकल काॅलेज हेतु एनटीपीसी की पाॅंच सौ बीघा जमीन पर अपार संभावनाऐं उज्जैन-नागदा के मध्य उपर्युक्त स्थान, संभाग के अधिकतर जिलों को मिल सकेगी सुविधा



Nagda(mpnews24)।  मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान द्वारा गत दिनों उज्जैन में कोरोना की समीक्षा बैठक में उज्जैन जिले में मेडिकल काॅलेज खोले जाने की घोषणा के बाद क्षेत्र में हर्ष का माहौल है। जिले में मेडिकल काॅलेज खुलने से स्वास्थ्य सुविधाओं में तो बढोत्री होगी ही साथ ही कम मुल्य पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाऐं मिलने लगी। मेडिकल काॅलेज को खोले जाने हेतु उज्जैन-नागदा के मध्य ग्राम मकला के समीप एनटीसीपी की 500 बीघा शासकीय जमीन काफी उपर्युक्त साबित हो सकती है। वर्तमान में उक्त जमीन खाली पडी है तथा मेडिकल काॅलेज खोले जाने हेतु इतनी जमीन आवश्यक भी होती है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एक वर्ष पूर्व से ही उक्त जमीन को राज्य शासन के अधिन करने के प्रयासों में लगे हुए है। ऐसे में मेडिकल काॅलेज यदि उक्त भूमि पर खोले जाने की स्वीकृत मिलती है तो उज्जैन के साथ-साथ मंदसौर, नीमच, रतलाम जिले के रहवासियों को भी इसकी सुविधा मिल सकेगी।

नागदा के समीप खोलने से मिलेगी सुविधा
गौरतलब है कि उज्जैन जो कि जिला मुख्यालय होकर शहर में काफी स्वास्थ्य सुविधाऐं पूर्व से ही उपलब्ध है। आरडीगार्डी मेडिकल काॅलेज पूर्व से ही उज्जैन के समीप आगर रोड पर संचालित हो रहा है। साथ ही उज्जैन से 40-45 किलोमीटर की दूरी पर ही इंदौर शहर स्थित है जहाॅं सर्वसुविधायुक्त स्वास्थ्य सेवाऐं मिलती है। अरविन्द, बाॅम्बे हाॅस्पिटल, एमवाय हाॅस्पिटल, चैथराम हाॅस्पिटल आदि अनेक ख्यातिमान चिकित्सालय इंदौर में संचालित होते है जिसमें इंदौर के आस-पास के नागरिकों को भी इसकी सुविधाऐ मिलती है। ऐसे में मेडिकल काॅलेज की वास्तविकता में उपयोगिता सिद्ध करना है तो उज्जैन के समीपस्थ नागदा शहर के समीप एनटीपीसी की 500 बीघा जमीन पर मेडिकल काॅलेज प्रारंभ किए जाने की सख्त आवश्यकता है।

जमीन का अधिकग्रहण भी नहीं करना होगा, शासन के धन की होगी बचत
वर्ष 1992 में एनटीपीसी ने तत्काल सोवियत रूस की सहायता से 765 केबी सब स्टेशन एवं उससे जुड़ी पारेषण लाइनों के निर्माण के लिए कुल 113.944 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया था। जिसमें से 106.449 निजी एवं 7.45 हैक्टेयर शासकीय भूमि शामिल है। एनटीपीसी की जमीन पर मेडिकल काॅलेज प्रारंभ किए जाने से शासन को जमीन के अधिग्रहण हेतु राशि का खर्च भी नहीं करना होगा क्योंकि उक्त जमीन पूर्व से ही केन्द्र सरकार के अधिन है। ऐसे में जमीन अधिग्रहण की राशि की बचत होगी तथा मात्र निर्माण कार्यो एवं संसाधनों पर ही सरकार को खर्च करना होगा। किसी अन्य स्थान पर इतनी बडी शासकीय जमीन की उपलब्धता शायद ही हो ऐसे में शासन को मेडिकल काॅलेज प्रारंभ करने के लिए करोडों रूपये की राशि जमीन अधिग्रहण पर ही खर्च करना पडेगी। ऐसे में एनटीपीसी की जमीन काफी उपर्युक्त साबित होगी।

तीन जिलों के नागरिक होंगे लाभांवित
एनटीपीसी की जमीन पर यदि मेडिकल काॅलेज खोले जाने की स्वीकृति मिलती है तो उज्जैन संभाग के तीन जिलों के नागरिक उक्त सुविधा का लाभ उठा सकते है। उज्जैन जिले की समीप से ही लगे रतलाम जिले के जावरा, आलोट, ताल, बडावदा, उज्जैन जिले के महिदपुर सीटी, महिदपुर रोड, घटिया, घोंसला, बडनगर, नागदा, खाचरौद, उन्हेल, मंदसौर जिले के दलोदा, ढोढर, सीतामउ, सुवासरा, शामगढ, गरोठ, भानपुरा, निमच आदि के हजारों रहवासियों को भी काफी सुविधाऐं मिल सकती है।

क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को करनी होगी पहल
नागदा शहर को पुरे देश में गौरवान्वित करने वाले केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचन्द गेहलोत, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक दिलीपसिंह गुर्जर, प्रभारी मंत्री मोहन यादव, विधायक रामलाल मालवीय, बहादुरसिंह चैहान, मनोज चावला, राजेन्द्र पाण्डे के अलावा कई पूर्व सांसदों एवं विधायकों को भी एनटीपीसी की 500 बीघा शासकीय जमीन पर मेडिकल काॅलेज प्रारंभ किए जाने हेतु प्रयास करना चाहिए। केन्द्रीय मंत्री क्षेत्र के काफी कद्दावर नेता माने जाते हैं उन्हें क्षेत्र के रहवासियों को उक्त सौगात अवश्य देना चाहिए।
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