नागदा - कोरोना से संक्रमित फेफड़ों के लिए संजीवनी साबित हुई जनसेवा की सीटी स्कैन मशीन



Nagda(mpnews24)।  कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने जहाँ देश-दुनिया के साथ स्थानीय स्तर पर भी काफी कहर बरपाया। संक्रमण की भयावहता के चलते कई लोग असमय ही काल कलवित हो गए। ऐसी विषम और प्रतिकूल स्थिति में स्थानीय ग्रेसिम उद्योग द्वारा संचालित इंदुभाई पारेख मेमोरियल ट्रस्ट हॉस्पिटल (जनसेवा) में स्थापित सीटी स्कैन मशीन नागदा और खाचरौद सहित आस-पास के दर्जनों गांवों के कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए संजीवनी के साथ प्राण वायु साबित हुई।

एक वर्ष पूर्व ही लगी है मशीन
उद्योग के जनसंपर्क अधिकारी संजय व्यास ने बताया कि इस संक्रमण की दूसरी जानलेवा लहर में जनसेवा अस्पताल में 30 जनवरी, 2020 को स्थापित अत्याधुनिक सीटी स्कैन मशीन द्वारा इस वर्ष अप्रैल माह में कुल 958 लोगों की जाँच की गई जिसमें से 683 मरीज फेफड़ों के संक्रमण से ग्रसित पाए गए, वहीं मई माह में कुल 782 मरीजों की जाँच की गई जिसमें से 427 मरीज संक्रमण से ग्रसित पाए गए।

दो महिने में 1740 की जांच की गई
व्यास ने बताया कि गत दो माह में कुल 1740 मरीजों की जांच की गई जिसमें से 1110 मरीज कोरोना के प्रारंभिक से लेकर गंभीर लक्षणों से ग्रसित होकर संक्रमित पाए गए। उक्त मशीन द्वारा औसतन 30 मरीजों की प्रतिदिन संक्रमण जाँच की गई। संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए संक्रमित मरीजों की जाँच का समय प्रतिदिन प्रातः 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक सुनिश्चित किया गया, वहीं कई बार आपातकालीन स्थिति में देर रात तक भी मशीन द्वारा मरीजों की आंतरिक जाँच का क्रम भी लगातार जारी रहा।

आरटीपीसीआर व रेपीडऐंटीजेंट के निगेटिव मरीज भी गंभीर संक्रमित पाऐ गए
व्यास ने यह भी बताया कि कई बार  संक्रमित मरीजों की आरटीपीसीआर, रेपिड एंटीजेन्ट या अन्य जांच माध्यमों से करवाई गई जाँच में मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी कई मरीज गंभीर रूप से संक्रमित पाए गए जिनकी कोरोना संक्रमण जांच स्थानीय स्तर पर ही करवाकर उन्हें चिकित्सालय के अनुभवी चिकित्सकों ने बेहतर उपचार देकर लगभग 1000 लोगों की समय रहते जान बचाई जा सकी।

अन्य शहरों के मुकाबले जनसेवा में 30 प्रतिशत कम है सीटी स्कैन की दरें
आपने बताया कि आदित्य बिड़ला समूह के स्वास्थ्य परक मूल्यों को ध्यान में रख कर इस मशीन की स्थापना अस्पताल में की गई थी जो कि इस महामारी में  बहुपयोगी और प्राणदायक सिद्ध हुई। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि अन्य शहरों के मुकाबले 30 प्रतिशत कम दरों पर यह सुविधा नागदा में ही मरीजों को मिल सकी अन्यथा उपचार पूर्व इसकी जाँच के लिए मरीजों को  लॉक डाउन की स्थिति में भी स्वयं के खर्च पर रतलाम, उज्जैन और इंदौर जाना पड़ता। उक्त सुविधा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होने पर मरीजों और उनके परिजनों ने राहत के साथ  प्रबंधन की इस व्यवस्था पर संतोष भी व्यक्त किया।

अस्पताल की टीम ने दिनरात की मेहनत
उन्होंने बताया कि अस्पताल के प्रत्येक चिकित्सक के साथ पूरी चिकित्सकीय टीम ने दिन रात पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ कार्य कर  संक्रमण की वजह से सांसत ने फंसी सैकड़ों जिंदगियों को बचाने में कामयाब रहे।

प्रबंधन ने भी की प्रशंसा
प्रबंधन ने अपनी अस्पताल टीम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि अस्पताल के सभी चिकित्सकों के साथ पैरा मेडिकल स्टॉफ, नर्स, टेक्नीशियन, सफाई कर्मी, सुरक्षा कर्मी के साथ सभी ने कोरोना के जोखिम भरे संक्रमण वाले माहौल में भी घर से निकल कर परिजनों से दूर रहकर अपना कार्य बिना किसी व्यवधान के निरंतर किया, वह वंदनीय हैं।
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