दिव्यांग मित्र का दर्जा मिलेगा
इस पाठ्यक्रम निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले केन्द्रीय दिव्यांगजन सलाहकार बोर्ड के सदस्य पंकज मारू ने बताया कि पाठ्यक्रम का उद्देश्य सामुदायिक स्तर पर ऐसे जमीनी पुनर्वास कार्यकर्ताओं का एक पूल बनाना है जो आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम कर सके जिससे क्रॉस डिसेबिलिटी मुद्दों को संभाला जा सके और समाज में दिव्यांग व्यक्तियों को शामिल करने की सुविधा मिल सके। यह पाठ्यक्रम योग्यता आधारित ज्ञान और कौशल प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है ताकि छात्र अपने कर्तव्यों का सफलतापूर्वक निर्वहन करने की क्षमता बढ़ा सकें। इस पाठ्यक्रम को पूर्ण करने वालों को दिव्यांग मित्र का दर्जा प्रदान किया जावेगा।
भारतीय पुनर्वास परिषद और मेलबर्न विश्वविद्यालय ने किया है सह-डिजाइन
इस सीबीआईडी पाठ्यक्रम को दिव्यान्गता के क्षेत्र में सहयोग के लिए ऑस्ट्रेलिया सरकार और भारत सरकार के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के तहत एक संयुक्त पहल के रूप में भारतीय पुनर्वास परिषद और मेलबर्न विश्वविद्यालय द्वारा सह-डिजाइन किया गया है। पाठ्यक्रम की सामग्री और पाठ्यक्रम को एक विशेषज्ञ समिति द्वारा विकसित किया गया जिसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया के विशेषज्ञ शामिल थे।
ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों माध्यमों से कर सकेंगे
प्रारम्भ में इसे विभाग के 7 राष्ट्रीय संस्थानों और समुदाय आधारित पुनर्वास कार्यक्रम में अनुभव रखने वाले देश के चुनिन्दा स्वैच्छिक संगठनों में अगस्त से ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों माध्यमों से शुरू किया जावेगा। 6 महीने का यह पाठ्यक्रम दसवी पास विद्यार्थियों के लिए हिंदी, अंग्रेजी, सहित 7 क्षेत्रीय भाषाओँ में उपलब्द्ध होगा।
इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओश्फेरेल, कैनबरा ऑस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त मनप्रीत वोहरा, और भारत सरकार के दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग की सचिव सुश्री अंजलि भावरा उपस्तिथ थी। भारतीय पुनर्वास परिषद के तहत राष्ट्रीय पुनर्वास परीक्षा बोर्ड उत्तीर्ण उम्मीदवारों को प्रमाण पत्र प्रदान करेगा।
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