नागदा - जब नपा निधी से करोडों खर्च तो नियमानुसार 50 फीट की सडक का ही हो निर्माण



Nagda(mpnews24)।  पाडल्या रोड से स्टेट हाईवे-17 को जोडने वाली नवीन सडक का निर्माण नगर पालिका निधि से किए जाने का मामला लगातार उलझता जा रहा है। नपा द्वारा सडक निर्माण का कार्य आरंभ करने के बाद पूर्व नपाध्यक्ष अशोक मालवीय द्वारा इस कार्य में आपत्ति लिए जाने के बाद उन पर काफी आरोप लग रहे थे। मंगलवार को पूर्व नपाध्यक्ष ने स्पष्टकरण दिया है तथा यह भी कहा है कि नियमानुसार 50 फीट की सडक का निर्माण होना चाहिए। वर्तमान में नपा द्वारा 30-35 फीट की सडक का निर्माण ही किया जा रहा है। वहीं इस पुरे मामले में अब भाजपा के दो पूर्व पार्षदों ने भी मालवीय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं कांग्रेस नेता ने भी मालवीय पर आर्थिक सांठगांड के चलते सडक निर्माण में रोडा बनने की बात कही है।

नपा की डेढ करोड रूपये की बडी राशि खर्च होगी
मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार नपा द्वारा 1 करोड 50 लाख रूपये की बडी राशि से पाडल्या रोड से स्टेट हाईवे को जोडने हेतु सडक एवं पुलिया का निर्माण किया जा रहा है उसका स्थल चयन गलत किए जाने की बात पूर्व नपाध्यक्ष ने कही। उनका कहना है कि गोपाल गोशाला से सीधे शासकीय भूमि पर सडक निर्माण का प्रस्ताव परिषद ने पारित किया था। जबकि सडक का निर्माण आर्य गार्डन से किया जा रहा है वह भी मात्र 30-35 फीट की सडक बनाई जा रही है। जबकि नियमानुसार 50 फीट की सडक निर्माण होने से नागरिकों को वास्तविक सुविधा मिल सकेगी। मालवीय का कहना है कि भविष्य में भूमि दान करने वाले मुआवजे की भी मांग कर सकते है ऐसे में शासकीय भूमि जो कि गोपाल गोशाला के पास स्थित है पर सडक का निर्माण किया जाना उचित होगा। जिसका भूमि पूजन भी वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने पूर्व में किया है।

भाजपा पार्षदों ने भी खोला पूर्व नपाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा
भाजपा मण्डल कोषाध्यक्ष व पूर्व पार्षद आशीष वोरा एवं पूर्व पार्षद विजय पटेल द्वारा प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि वार्ड नं. 16 में पाल्या रोड़ पर शीतलामाता चैक से बायपास तक नगर की लाईफलाईन बनने जा रही सड़क जिससे नगर की आधी आबादी को बायपास रोड़ तक पहुंचने के लिये 4 किमी की दुरी कम तय करना होगी। ऐसे जनहित के कार्य को पूर्व नपाध्यक्ष द्वारा लगाई गई आपत्ति के बाद सड़क का निर्माण को रोका गया है। इस तारतम्य में मंगलवार को पूर्व नपाध्यक्ष द्वारा यह बताया कि वार्ड नं. 16 में गोपाल गौशाला से होकर बायपास तक रोड़ का निर्माण उनके कार्यकाल में परिषद द्वारा स्वीकृत करवाई गई थी जबकि उक्त सड़क वर्ष 2014 से जनवरी 2020 तक जितनी भी परिषद की बैठके हुए उसमें एक में भी गोपाल गौशाला रोड़ का विषय नहीं था और न ही कोई स्वीकृति थी। जबकि आर्य गार्डन से बायपास तक  जोडने वाली सडक का 23 नवम्बर 2015 को प्रस्ताव परिषद में आया था जो बहुमत से पारित हुआ था। इसके अलावा इस सड़क के संबंध में इन 5 वर्षो में कोई भी चर्चा परिषद की बैठक में नहीं हुई।

वोरा एवं पटेल ने बताया कि इस पुरी प्रक्रिया में यह बात समझ से परे है कि इस जनहित के कार्य में किस व्यक्ति को निजी लाभ देने का आरोप लगाया जा रहा है इस बात का खुलासा भी पूर्व नपाध्यक्ष करे। यदि नगर पालिका द्वारा गोशाला वाली रोड़ का निर्माण करती है तो भी हमें कोई आपत्ति नहीं है। हम जनहित के कार्य में सदैव तत्पर है। साथ ही पिछली परिषद के 5 वर्ष के कार्यकाल में जनहित के हर मुद्दे पर पूर्व नपा अध्यक्ष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया है।

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कांग्रेस नेता दिनेश दुबे ने आरोप लगाया है कि पाल्यारोड़ बायपास का विरोध भाजपा नेता और पूर्व नपाथ्यक्ष अपनी पार्टी के वारिष्ठ नेताओ के ईशारे पर क्षेत्र कि जनता को परेशान करने के लिये अधिकारियो कि सांठगाठ और गौशाला के आसपास के भू माफियो से सांठगांठ कर कर रहे है एवं क्षेत्र कि जनता पर  अनुचित दवाव  बनाने का प्रयास कर रहे है। दुबे ने कहा कि नपा द्वारा एक बार रोड़ का प्रस्ताव पारित कर दिया तो उसे निरस्त करने का अधिकार नहीं है। गौशाला रोड़ पर भी कई भू माफिया कि नजर है और मालवीयजी उनके इशारे पर विरोध कर रहे है। जबकि जनहित मे एक ओर बायपास कि मालवीय मांग कर सकते थे। प्रशासक व सीएमओ को ऐसी शिकायत पर नपा अधिकारी को जांच कर कार्य रोकने का अधिकार नहीं है। भाजपा के वारिष्ठ नेताओ और भूमाफियाओ के इशारे पर कार्य रोका जा रहा है। दुबे ने नपा प्रशासक, सीएमओ और मालवीय पर भूमाफियाओं से सांठ गांठ कि जांच करवाकर कार्यवाही करवाने कि मांग कि है।
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