क्या है मामला
मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार पाडल्या रोड से सीधे स्टेट हाईवे-17 को जोडने हेतु नगर पालिका द्वारा एक नवीन सडक का निर्माण किया जा रहा था। नपा द्वारा 62 लाख रूपये की लागत से उक्त सडक का निर्माण किया जाना था तथा इतनी ही लगात की एक पुलिया भी यहाॅं बनना थी। मार्ग के निर्माण होने से पाडल्या रोड क्षेत्र सीधे हाईवे से जुड जाता। इस सडक के बनने से 10 काॅलोनी के लोगों को फायदा पहुॅचने वाला था। नगर पालिका द्वारा सडक निर्माण हेतु साईट लेवल करने का कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया था, लेकिन पूर्व नपाध्यक्ष मालवीय द्वारा मामले में आपत्ति दर्ज करवा देने से सडक निर्माण का कार्य वर्तमान में रोक दिया गया है। मालवीय ने मुनपा अधिकारी को पत्र लिखकर उक्त मार्ग निर्माण का प्रस्ताव परिषद में निरस्त होने की बात भी कही है। पूर्व नपाध्यक्ष की शिकायत के बाद मामले में अडचन आती हुई दिखाई दे रही है।
इन कृषकों ने दान में दी है जमीन
गौरतलब है कि आर्य गार्डन से लेकर बायपास तक सडक निर्माण हेतु 4 किसानों ने अपनी जमीन दान में दी है। बायपास मार्ग पर उक्त जमीन की कीमत लाखों में बताई जाती है, बावजुद इसके किसानों ने शहर के विकास के लिए जमीन दान दी है। जिन कृषकों ने अपनी बेशकीमती जमीन को दान दिया है उनमें कन्हैयालाल चन्द्रवंशी, जीवनसिंह चन्द्रवंशी, मोहनलाल चंद्रवंशी, और अर्जुनसिंह चन्द्रवंशी ने लगभग 1500 फीट लम्बी और 8 मीटर चैडी सडक के लिए जमीन दान दी है। उक्त मार्ग को जोडने की मांग वर्षो से की जा रही है। विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने समीक्षा बैठक के दौरान सडक के निर्माण को लेकर नपा अधिकारियों को निर्देश दिए थे। सांसद अनिल फिरोजिया के समक्ष भी सडक निर्माण की मांग उठने के बाद नपा ने इस दिशा में सक्रिय प्रयास किए थे।
पूर्व नपाध्यक्ष ने लगाया काॅलोनाईजरों को फायदा पहुॅंचाने का आरोप
सूत्रों का कहना है कि पूर्व नपाध्यक्ष मालवीय ने 28 मई को मुनपा अधिकारी के नाम प्रेषित पत्र में वार्ड क्र. 16 बायपास मार्ग का कार्य रूकवाने हेतु परिषद संकल्प क्र. 95 दिनांक 23 सितम्बर 2015 का हवाला देते हुए लिखा है कि पाडल्या रोड शीतला माता चैक से बायपास को मिलाने वाला मार्ग का निर्माण व खाल पर पुलिया निर्माण का कार्य करवाया जा रहा है। मालवीय ने पत्र में कहा है कि नपा परिषद के सदस्यों द्वारा उक्त प्रस्ताव को खारिज किया जा चुका है। बावजुद इसके सडक का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि उक्त सडक कृषि की भूमि पर बनाई जा रही है, जिससे सडक के आस-पास के भूमि स्वामियों को फायदा पहुॅंुचेगा तथा भविष्य में उक्त भूमि को काॅलोनाईजरों द्वारा उंचे दामों पर बेचा जाऐगा। मालवीय ने निजी भूमि स्वामीयों एवं नपा के अधिकारियों पर सांठगांठ के आरोप भी इस पत्र में लगाऐं। उनका कहना है कि परिषद ने शहर के विकास के कई प्रस्ताव पास किए थे लेकिन अधिकारी उन पर कोई विचार नहीं कर रहे। निकाय के राजस्व को क्षति पहुॅंचाने एवं काॅलोनाईजरों से सांठगांठ के आरोप भी उन्होंने पत्र में लगाए हैं।
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