Nagda(mpnews24)। जिस प्रकार तेल के दिपक और घी के दिपक की रोशनी में कोई अंतर नहीं होता है। दोनों दिपक समानता से प्रकाश प्रदान कर अंधेरे को मिटाने का प्रयाय करते है ठीक उसी प्रकार त्रिस्तुत्रिक सम्प्रदाय के गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद् विजय ऋषभचन्द्र सूरीश्वरजी ने अपने 65 वर्षीय जीवनकाल में समाजवाद से उपर उठकर जैन समाज के लिए ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण के लिए कई ऐसे सेवा कार्य के लिए जिसका वर्णन करना शब्दों में असम्भव है। कोविड महामारी के द्वितीय लहर में आचार्यश्री ने अथक प्रयास कर मात्र 7 दिनों में मोहनखेड़ा महातीर्थ में धार जिले का सबसे बड़ा 300 बिस्तर का कोविड केयर सेन्टर शुरू कर मानव सेवा का अनुठा उदाहरण पेश किया। मानव सेवा के साथ जीवदया के कार्यो के लिए सदैव तत्पर आचार्यश्री कई असहाय पशुओं के जटिल आॅपरेशन शिविर का आयोजन कर उन्हे नया जीवनदान प्रदान किया।यह बात रविवार सुबह 10 बजे जवाहर मार्ग स्थित शांतीनाथ राजेन्द्रसूरी जैन ज्ञान मंदिर में आयोजित आचार्य देवेश श्रीमद् विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी मसा के स्वर्गारोहरण पर नवकार कपल गु्रप द्वारा आयोजित श्रद्धाजंली को संबोधित करते हुए गु्रप अध्यक्ष डाॅ. विपिन वागरेचा कही। संस्थापक अध्यक्ष राजेश सकलेचा की अगवाई मंे आयोजित श्रद्धाजंली सभा को ग्रुप संरक्षक राजेश धाकड़ ने भी संबोधित किया।
नहीं रोक पाए आंसू धारा
आचार्यश्री की विनयाजंली सभा की शुरूआत नमस्कार महामंत्र के जाप से हुई। सभा को प्रकाश जैन सांवेरवाला, अरविन्द नाहर, मनीष सालेचा व्होरा, सुनील जैन, मनोज वागरेचा, राकेश औरा, अमित बम आदि ने संबोधित किया। इस दौरान गु्रप के सभा के दौरान दिपक गांग, प्रकाश चपलोत, मनीष कटकानी, सुभाष गेलड़ा, रमेश बोेहरा, दिलीप गादिया, धर्मचन्द्र चैपड़ा आदि उपस्थित थे।
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