कोविड नोडल अधिकारी डाॅ. संजीव कुमरावत ने बताया कि 7 जून को नागदा निवासी 52 वर्षीय महिला मरीज को तेज बुखार, घबराहट, सांस लेने मे तकलीफ के साथ सिविल हाॅस्पिटल के आईसीयू में भर्ती किया गया था।
डाॅ. कुमरावत ने बताया कि अस्पताल में भर्ती होने के समय मरीज का आॅक्सीजन लेवल 84 प्रतिशत था वहीं सीटी स्केन रिर्पोट में 55 प्रतिशत लंग्स संक्रमित हो चुके थे तथा सीआरपी भी 44 आ रहा था। मरीज की ब्लड शूगर अत्यधिक बढी होकर 300 थी तथा मरीज कोविड-19 पाॅजिटिव थी तथा टीका भी नहीं लगा था तथा मोटापा भी अत्यधिक अधिक था।
डाॅ. कुमरावत ने बताया कि बीमारी से ग्रसित मरीज काफी डरी हुई थी तथा हताश थी। जिसे उन्होंने तथा स्वास्थ्य विभाग की टीम ने चैलेन्ज के रूप में लिया। टीम में एमओ डाॅ. समन कुरैशी, डाॅ. अरूणा, डाॅ. प्रतिभा एवं नर्सिंग स्टाफ में बेनजीर, तृप्ति, प्रमोद सोनी, दिव्या, पूनम, विजिया, श्रृद्धा अैर राकेश शामिल थे। उन्होंने बताया कि उपचार प्रारंभ कर मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए, ईलाज के दौरान शुगर बढती रही, कई बार शूगर लेवल 400 से अधिक भी चला गया। उन्होंने बताया कि मरज को स्टीरायड का प्रयोग शुरूआत में नहीं किया गया जिससे सीआरपी 44 से बढकर 55 हो गया था। शूगर को कंट्रोल करने के लिये ट्रिपल ड्रग थेरेपी दी गयी और बहुत ही कम मात्रा में कम समय के लिये स्टीराॅयड का उपयोग किया गया। मरीज को मानसिक रूप से संबंल दिया, पारिवारिक वातावरण बनाऐ रखा और मरीज को मानसिक अवसाद से बाहर निकाला।
डाॅ. कुमरावत ने बताया कि मंगलवार को महिला मरीज के स्वस्थ्य होकर घर जाते समय उनकी कोविड-19 रिर्पोट निगेटिव थी, आॅक्सीजन लेवल 96 आ चुका था, सीआरपी 12 था, शुगर 189 होकर बुखार भी नहीं था तथा सांस लेने में भी कोई तकलीफ नहीं तथा मानसिक स्थिति प्रसन्न और आशावादी थी।
स्वागत कर विदा किया
डिस्चार्ज के अवसर पर मरीज का हार फूल से स्वागत किया। इस समय मेडिकल आॅफिसर डाॅ. विनोद लाहिरी (सर्जिकल स्पेशलिस्ट) एवं बीएमओ डाॅ. कमल सोलंकी उपस्थित थे। डाॅ. लाहिरी ने आईसीयू टीम को बधाई देते हुए प्रसंशा की और कहा कि यह सिमित संसाधनों मे टीम की महत्वपूर्ण उपलब्धि है। डाॅ. सोलंकी ने मरीज को आवश्यक सावधानी रखने, मास्क लगाने एवं स्वच्छता रखने की सलाह दी।
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