तपस्या के अन्तर्गत 11 वर्ष की उम्र के बालक-बालिकाओं ने भी इस कठोर तपस्या का पचक्खाण लिया, जो आकर्षक का केन्द्र रहे। सभी श्रीसंघ सदस्यो ने उनकी अनुमोदना की। शुक्रवार से 45 दिनो तक चलने वाले सिद्धितप के अंतर्गत 36 उपवास प्रत्येक आराधक द्वारा किये जायेंगे एवं नवकार मंत्र के जाप व प्रभु की पुजा अर्चना की जावेगी। उपरोक्त समस्त कार्यक्रमो में श्रीसंघ एवं चातुर्मास समिति के सभी सम्मानित सदस्यो की उपस्थिति रही।
नागदा - सिर्फ मनुष्य गति मे ही धर्म करके भवसागर पार किया जा सकता है - मुनि चन्द्रयशविजयजी सिद्धितप तपस्वियों के हुए वधामने, 11 वर्ष के बालक-बालिका भी जुड़े सिद्धीतप से
तपस्या के अन्तर्गत 11 वर्ष की उम्र के बालक-बालिकाओं ने भी इस कठोर तपस्या का पचक्खाण लिया, जो आकर्षक का केन्द्र रहे। सभी श्रीसंघ सदस्यो ने उनकी अनुमोदना की। शुक्रवार से 45 दिनो तक चलने वाले सिद्धितप के अंतर्गत 36 उपवास प्रत्येक आराधक द्वारा किये जायेंगे एवं नवकार मंत्र के जाप व प्रभु की पुजा अर्चना की जावेगी। उपरोक्त समस्त कार्यक्रमो में श्रीसंघ एवं चातुर्मास समिति के सभी सम्मानित सदस्यो की उपस्थिति रही।
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