मंच के अभय चौपडा ने बताया कि नागदा शहर मे लगभग 26000 बिजली उपभोक्ता है जिनमे से लगभग 15000 उपभोक्ताओ के साथ टेरिफ़ का खेल खेलकर विभाग ने नियम विरुद्ध करीब डेढ करोड़ रुपए अतिरिक्त वसूल लिए गये है। अधिकारी को दिए शिकायती पत्र मे मंच ने बताया गया कि षड़यंत्रपूर्वक माह अप्रेल और मई की रीड़ीग नही लेकर जून माह मे तीन माह की रीड़ीग ली गई। पूर्व के दो माह का पिछले बीलो के हिसाब से औसत बिल जान बुझकर दिया जबकि जून माह के बील को ज्यादा टेरिफ मे लाकर बड़ा हुआ बील दिया। जबकि वास्तविक खपत लगाए गए टेरिफ की है ही नही। इस प्रकार हमारे साथ धोखाधड़ी हुई है। प्रतिमाह रीडींग के आधार पर का भुगतान किया जाता परंतु रीडिंग नही करवाना विभाग की गलती है।
औसत के आधार पर दिए बील, जबकि तीन माह में ली गई रिडिंग
समस्त उपभोक्ताओ को रीड़ींग नही लेकर पुराने औसत के आधार पर बिल देने का कोई नियम नही है। विद्युत मंडल की गलती से तीन माह कि रीडींग नहीं ली गई तो वर्तमान तीनो माह का ओसत लिया जाना प्राकृतिक न्याय का नियम है। विद्युत मंडल का उक्त कृत्य म. प्र. विद्युत नियामक आयोग के निर्देशो का उल्लंघन और उपभोक्ता से बड़ी हुई राशि वसूलने का षड़यंत्र ओर धोखाधड़ी है। 150 यूनिट से ज्यादा के टेरिफ मे जान बूझकर फंसाया है। बड़ी हुई राशि कि त्रुटि को सुधारकर हमारे खाते मे आगामी बिलो मे समायोजित किया जाए।
नागरिक अधिकार मंच के अध्यक्ष अभय चोपड़ा एवं संयोजक शेलेन्द्रसिंह चौहान ने बिजली उपभोक्ताओ से अपील की है कि मंच के सदस्यों द्वारा की गयी इसी शिकायत के आधार पर वे भी शिकायत करे ताकि न्याय मिल सके और वसूले गए अतिरिक्त राशी आने वाले बील मे समायोजित हो सके।
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