गुरूदेव की वासक्षेप की भूमिका तपस्या में होगी महत्वपूर्ण-
पोषधशाला में गुरूवार को सिद्धीतप में कलश भराये गये, रक्षा पोटली दी गई, वासक्षेप दिया गया तथा इस दौरान जाप कराये जायेंगे फिर कलश घर पर ले जायेंगे। गुरूदेव के वासक्षेप से घर पर 9 नवकार और 9 ओसग्रम गिनकर डालना है। सिद्धितप में क्रम से 1 उपवास और पारणा, 2 उपवास और पारणा, 3 उपवास और पारणा, 4 उपवास और पारणा, 5 उपवास और पारणा, 6 उपवास और पारणा, 7 उपवास और पारणा, 8 उपवास और पारणा। इस तरह कुल 36 उपवास के कठोर तप की तपस्या है।
कलश भरवाकर सामुहिक धारणा की गई
सिद्धितप के 81 तपस्वी प.पू. गुरूदेव के सानिध्य में श्रीसंघ के साथ पार्श्वप्रधान पाठशाला से जुलूस के रूप में गौशाला परिसर पहुंचे जहां पर सभी आराधको का सामूहिक धारणा(भोजन) का आयोजन कराया गया। इस आयोजन के लाभार्थी कमलेशकुमार दर्शनकुमार नागदा परिवार थे एवं सभी आराधको को आराधना करने हेतु एक सामग्री की किट प्रदान की गई जिसके लाभार्थी मन्नालाल अनिलकुमार अल्पेशकुमार अतिशकुमार नागदा परिवार थे।
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