व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भी भीड उमड रही है।
कोरोना से बचाव के लिए सभी को मास्क लगाना व दो गज की दुरी रखना जरूरी है लेकिन लोग लापरवाही कर रहे हैक्ं। अनलॉक होते ही बसों का संचालन शुरू हुआ इस दौरान बसें तो चली लेकिन अब इनमें भी नियमों का की खुली अनदेखी की जा रही है। खाली सीट छोडना तो दूर अब सारी सीटों को भरने के बाद भी यदि यात्री बचते हैं तेा उन्हें खडा कर दिया जाता है। खासकर ग्रामीण अंचलों में चलने वाली बसों में दोपहर के समय ऐसी ही भीड नजर आती है।
बाजारों में भी खुलेआम कोरोना गाईड लाईन का उल्लंघन हो रहा है। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की बात करें तो एक साथ कई लोग दुकानों में खडे होकर खरीददारी तो कर रहे हैं लेकिन मास्क नहीं लगाते। सब्जी मंडी में भी सुबह से लेेकर शाम तक इस कदर लोग पहुॅंचते हैं कि वहॉं पर खडे होना भी मुश्किल हो जाता है। गुरूवार को भी यहॉं पर काफी भीड थी। ऐेस में कोरोना के फैलने का डर एक बार पुनः सताने लगा है।
बॉक्स
यह किए जा सकते हैं प्रयास
बाजारों में यदि भीड हो रही है तो प्रशासन को वहॉं पर पुलिस जवान तैनात करना चाहिए। इससे लोग कम से कम मास्त तो लगाने लगेंगे। जो टीमें बनाई गई थी उन्हें समय रहते अलर्ट किया जाए। उन टीमों को दुकानों पर नजर रखने को कहा जाऐ। पुलिस को भी कार्रवाई शुरू करना चाहिए। बिना मास्क लगाऐ जो भी लोग निकल रहे हैं तो उन्हें अस्थायी जेल में कुछ समय के लिए रखा जाऐ। ऐसे प्रयासों तथा लोगों में कोरोना से बचाव के प्रति जागरूकता लाकर ही इससे बचा जा सकता है। नहीं तो दुसरी लहर में जिस प्रकार से इस महामारी ने अपना तांडव दिखाया है उससे भी बद्दतर स्थिति होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। ऐसे में बचाव ही इस बिमारी का एकमात्र उपचार है।
मात्र 50 प्रतिशत लोगों को ही लगा है पहला टीका
कोरोना से बचाव हेतु सबसे कारगर टीकाकरण को माना जा रहा है। बावजुद इसके इतना समय बीतने को है लेकिन शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के मात्र 50 प्रतिशत नागरिकों को ही टीका लग पाया है वह भी मात्र पहला डोज। दुसरी डोज लगाने वाले नागरिकों की संख्या तो मात्र 5-10 प्रतिशत ही है। ऐसे में बीना टीकाकरण के नागरिक और भी ज्यादा असुरक्षित है। ऐसे में बचाव अत्यंत ही आवश्यक है।
कोरोना से बचाव के लिए सभी को मास्क लगाना व दो गज की दुरी रखना जरूरी है लेकिन लोग लापरवाही कर रहे हैक्ं। अनलॉक होते ही बसों का संचालन शुरू हुआ इस दौरान बसें तो चली लेकिन अब इनमें भी नियमों का की खुली अनदेखी की जा रही है। खाली सीट छोडना तो दूर अब सारी सीटों को भरने के बाद भी यदि यात्री बचते हैं तेा उन्हें खडा कर दिया जाता है। खासकर ग्रामीण अंचलों में चलने वाली बसों में दोपहर के समय ऐसी ही भीड नजर आती है।
बाजारों में भी खुलेआम कोरोना गाईड लाईन का उल्लंघन हो रहा है। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की बात करें तो एक साथ कई लोग दुकानों में खडे होकर खरीददारी तो कर रहे हैं लेकिन मास्क नहीं लगाते। सब्जी मंडी में भी सुबह से लेेकर शाम तक इस कदर लोग पहुॅंचते हैं कि वहॉं पर खडे होना भी मुश्किल हो जाता है। गुरूवार को भी यहॉं पर काफी भीड थी। ऐेस में कोरोना के फैलने का डर एक बार पुनः सताने लगा है।
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यह किए जा सकते हैं प्रयास
बाजारों में यदि भीड हो रही है तो प्रशासन को वहॉं पर पुलिस जवान तैनात करना चाहिए। इससे लोग कम से कम मास्त तो लगाने लगेंगे। जो टीमें बनाई गई थी उन्हें समय रहते अलर्ट किया जाए। उन टीमों को दुकानों पर नजर रखने को कहा जाऐ। पुलिस को भी कार्रवाई शुरू करना चाहिए। बिना मास्क लगाऐ जो भी लोग निकल रहे हैं तो उन्हें अस्थायी जेल में कुछ समय के लिए रखा जाऐ। ऐसे प्रयासों तथा लोगों में कोरोना से बचाव के प्रति जागरूकता लाकर ही इससे बचा जा सकता है। नहीं तो दुसरी लहर में जिस प्रकार से इस महामारी ने अपना तांडव दिखाया है उससे भी बद्दतर स्थिति होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। ऐसे में बचाव ही इस बिमारी का एकमात्र उपचार है।
मात्र 50 प्रतिशत लोगों को ही लगा है पहला टीका
कोरोना से बचाव हेतु सबसे कारगर टीकाकरण को माना जा रहा है। बावजुद इसके इतना समय बीतने को है लेकिन शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के मात्र 50 प्रतिशत नागरिकों को ही टीका लग पाया है वह भी मात्र पहला डोज। दुसरी डोज लगाने वाले नागरिकों की संख्या तो मात्र 5-10 प्रतिशत ही है। ऐसे में बीना टीकाकरण के नागरिक और भी ज्यादा असुरक्षित है। ऐसे में बचाव अत्यंत ही आवश्यक है।
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