नागदा जं-महंगाई पर सरकार का ध्यान नहीं, खाद्य पदार्थो में अत्यधिक दरों की चक्की में पीस रहा आम आदमी पहले लॉकडाउन के बाद खाद्य पदार्थो की दरें गिरी तो दूसरी लहर के बाद 40 प्रतिशत की वृद्धि हो गई

MP NEWS24- खाद्य तेलों और दालों के बढे भाव ने आम आदमी की रसोई का बजट फिर बिगाड दिया है। पिछले एक महिने में ही खाद्य तेलों के दाम 20 फीसदी तो दालों की कीमतें करीब 10 फीसदी बढ गए है।

शहर के फुटकर बाजारों में दालों की कीमतें नई उॅंचाईयों पर हैं। शहर के कई व्यापारियों का कहना है कि एक महिने में दालों के दाम 5 से 10 रूपये की बढोत्री हुई है। फुटकर बाजार में दाल की कीमतों के साथ ही खाद्य तेलों के दाम भी पॉंच से 20 रूपये तक बढें हैं। बीते महिने की तुलना में रिफाईंड आयल के दाम पांच रूपये प्रतिलीटर तक बढे हैं जबकि सरसों के मेल के दाम में 20 रूपये तक की बढोत्री हो गई है। बताया जाता है कि दालों की कीमतों में जो बढोत्री हुई है उसके पीछे अंतराष्ट्रीय बाजारों में हो रही उठा-पटक जिम्मेदार है। इसी प्रकार बाजार में खाद्य तेलों में भी काफी उतार-चढाव देखा जा रहा है।
आमदनी कम होने के साथ घर का खर्च बढा
गत जुलाई माह के मुकाबले इस वर्ष अगस्त में सभी प्रकार के दलहन और तेलों के दामों में 10 से 15 रूपये प्रति लीटर की बढोतरी हुई है। थोक विक्रेताओं का कहना है कि इस समय में खाद्य पदार्थो की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है। हर महीने खाद्य वस्तु, रिफाईंड के दाम में तेजी से वृद्धि हो रही है। व्यापारियों का कहना है कि गत वर्ष लॉकडाउन के दौरान इतनी तेजी नहीं थी। इसके चलते लोगों पर इसका ज्यादा असर नहीं पडा, अब कोरोना काल के बाद जहॉं लोगों की आमदनी कम हुई है वहीं महंगाई बढने से घर का र्ख्च बढ गया है।
एक वर्ष में कीमतों में 40 फीसदी तक का उछाल
आवश्यक वस्तुओं पर महंगाई की मार से आम और मध्यम परिवार बेहाल हैं। पिछले वर्ष अगस्त के मुकाबले इस महिने बाजार में बहुत तेजी है। खाद्य वस्तुओं और तेलों के दामों में एक वर्ष में 30 से 40 फीसदी तक का उछाल आया है। वहीं गत जुलाई के मुकाबले सभी प्रकार के दलहन और तेलों की कीमतों में 10 रूपये प्रतिकिलों तक की बढोतरी हुई है। बाजार के जानकारों का कहा है कि बीते वर्ष लॉकडाउन के बाद बाजार में खाद्य वस्तुओं के दाम गिरे थे, लेकिन महामारी के दूसरे चरण में दाम काफी उछाल पर है। इससे बाजार प्रभावित हो रहा है। खाद्य वस्तुओं के थोक कारोबारियों का कहना है कि बडे थोक कारोबारियों के कालाबाजारी और लॉकडाउन के कारण बाजार में उतार-चढाव से यह महंगाई है।
भोजन सामग्री के लिए भी करना पड रहा अधिक खर्च
पिछले दो महिनों में खाद्य पदार्थो की कीमतों में कोई विशेष फर्क नहीं पडा है। जुलाई की तुलना में अगस्त महिने में खाद्य पदार्थो के दामों में बढोतरी अवश्य हुई है, लेकिन पिछले वर्ष की तुलता करें तो यह दर करीब 35 से 40 फीसदी तक बढ गई हैं। इससे लोगों को अधिक राशि खर्च करके खाद्य पदार्थ खरीदना पड रहे हैं। वहीं बडे शहरों के डीपार्टमेंटल स्टोर्स एवं फूटकर की दुकानों पर भी खाद पदार्थो के दामों में भारी अंतर देखा जा रहा है। बाजार के जानकार कहते हैं कि 2020 में लॉकडाउन के बाद बाजार में खाद्य वस्तुओं के दाम गिरे थे, लेकिन दुसरी लहर के बाद कीमतों में भारी उछाल है। इससे बाजार प्रभावित हो रहा है। सरकार को भी जल्द इस तरफ ध्यान देना होगा।

वर्तमान में खाद्य पदार्थ सरसो तेल 165, रिफाईंड तेल 155, अरहर दाल 110, मूंग दाल 85, चना दाल 75, उडद दाल 90, राजमा 150, काला चना 70 तथा शक्कर 40, काली मसूर 90 रूपये प्रति किलो में बाजार में मिल रही है। वहीं पेट्रोल, डीजल एवं रसोइ गैस के दामों ने भी घरों का बजट बिगाड दिया है। ऐसे में आम आदमी का जीना मुहाल हो गया है।

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