नागदा जं.-रेल्वे ने एप्रोच रोड की भूमि से हटाया अस्थायी अतिक्रमण, स्थायी हटाऐ जाने की भी सुगबुगाहट

MP NEWS24- पुरानी कोटा लाईन के नाम से मशहुर एप्रोच रोड की रेल प्रशासन की करोडों-अरबों की भूमि को संरक्षित करने हेतु रेल प्रशासन ने एक बार फिर से मुहिम प्रारंभ कर दी है। रेल प्रशासन के अधिकारियों द्वारा मंगलवार की सुबह एप्रोच रोड कोटा फाटक पर अस्थायी रूप से गुमटी रख कर अस्थायी अतिक्रमण करने वाले लोगों पर कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण को हटा दिया है। कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में रेल्वे पुलिस बल के अधिकारी, जवान मौजुद रहे तथा रेल्वे के ही गैंगमैनों द्वारा अस्थायी अतिक्रमण को हटा दिया। रेल प्रशासन के सुत्रों का कहना है कि रेल्वे अपनी करोडों-अरबों की लागत की भूमि को हर हाल में संरक्षित करने स्थिति में है। मामले में यहॉं तक कहा जा रहा है कि जल्द ही स्थायी अतिक्रमण पर भी रेल प्रशासन की कार्रवाई हो सकती है। क्योंकि लम्बे समय से भूमि को अधिग्रहित करने का मामला लंबित है जो कि ठंडे बस्तें में जाता हुआ दिखाई दे रहा है। ऐसे में रेल प्रशासन जल्द ही स्थायी अतिक्रमण को हटाने को लेकर भी कार्य योजना बना रहा है। कार्रवाई के दौरान सॉंची पार्लर को संरक्षण देने का मामला भी क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

क्या है मामला
पुरानी कोटा फाटक पर स्थित रेल्वे प्रशासन की करोडों-अरबों रूपये मुल्य की कई बीघा जमीन स्थित है। पूर्व में उक्त भूमि पर कोटा लाईन को डाला गया था लेकिन अत्यधिक घुमाव होने के कारण इस लाईन को खत्म कर नवीन लाईन को वर्षो पूर्व ही प्रारंभ कर दिया गया है। ऐसे में रेल्वे की उक्त सैकडों बीघा जमीन पर लगातार अतिक्रमण होता जा रहा है। जवाहर मार्ग के रहवासियों द्वारा अपनी भूमि के अलावा एप्रोच रोड की और काफी रेल्वे की भूमि पर अतिक्रमण किए जाने संबंधी सूचना पत्र भी रेल प्रशासन कई बार जारी कर चुका है। रेल प्रशासन इस भूमि पर हो रहे अस्थायी अतिक्रमण को लेकर भी काफी सजग है तथा गाहे-बगाहे भूमि पर अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई भी की जाती है। इसी तारतम्य में मंगलवार को भी रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों के साथ रेल प्रशासन द्वारा अस्थायी अतिक्रमण को हटाया गया। रेल्वे के अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि रेल्वे की भूमि पर रेल प्रशासन कोई बडा प्रोजेक्ट लाने पर भी विचार कर रहा है तथा संभवत इस भूमि पर या तो रेल्वे का कोई बडा प्रोजेक्ट आऐगा। इसी को लेकर रेल्वे अपनी भूमि को सुरक्षित कर रहा है। रेल्वे विभाग के सूत्रों का तो यहॉं तक कहना है कि अस्थायी अतिक्रमण हटाने के साथ ही जल्द ही स्थायी अतिक्रमण को भी हटा कर रेल्वे की संपूर्ण भूमि को सुरक्षित करने की मंजूरी वरिष्ठ कार्यालय से मांगी गई है। अधिकारियों का कहना है कि रेल्वे की उक्त भूमि की लागत वर्तमान में बाजार मुल्य में करोडों-अरबों की है जिसको हर हाल में सुरक्षित किया जाऐगा।
भूमि को राज्य शासन के अधिन लेने का मामला भी अधर में
मामले में इस बात की जानकारी भी लगी है कि जवाहर मार्ग के रहवासियों को रेल प्रशासन द्वारा स्थायी अतिक्रमण किए जाने संबंधी कई नोटीस जारी किए गए है। इतना ही नहीं कुछ माह पूर्व तो रेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर रेल्वे की पुरी टीम स्थायी अतिक्रमण कों हटाने पहुॅंच गई थी तथा रेल्वे द्वारा अपनी भूमि पर बाउण्ड्रीवॉल भी बनाई जा रही है। इसी को लेकर कोटा फाटाक के कुछ स्थलों पर बाउण्ड्रीवॉल बना भी दी गई है। बताया जाता है कि एप्रोच रोड की और कई लोगों द्वारा रेल्वे की भूमि पर अनाधिकृत कब्जा कर लिया है जिसे रेल प्रशासन हटाना चाहता है। मामले में नेताओं द्वारा हस्तक्षेप कर उक्त मामले को कुछ समय के लिए टाल दिया था तथा भूमि को राज्यशासन के अधिन लिए जाने की कवायद भी प्रारंभ हुई थी। लेकिन वह प्रक्रिया भी ठंडे बस्ते में जाती दिखाई दे रही है क्योंकि रेल प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि रेल्वे की भूमि की कीमत अत्यधिक अधिक है जबकि राज्य शासन जो भूमि देना चाहती है उसकी कीमत 25 प्रतिशत भी नहीं है। साथ ही रेल प्रशासन यदि कोई बडा प्रोजेक्ट यहॉं लाता है तो वह रेल्वे सीमा से काफी करीब होगा तथा उनके अधिकारियों, कर्मचारियों की पहुॅंच भी होगी जबकि अन्य स्थान पर भूमि उपलब्ध होने पर उन्हें परेशानियों का सामना भी करना पडेगा। ऐसे में रेल प्रशासन को हथोडा कभी भी स्थायी अतिक्रमण पर भी चल सकता है।

Post a Comment

[blogger]

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget