MP NEWS24- महासति पूज्य श्री पुण्यशिलाजी ने प्रवचन के दौरान कहा कि आत्मा का कोई नाम नहीं होता, मानव की पहचान उसके शरीर से होती है। हम सब ईश्वर की सन्तान है। आत्मा अमर है शरीर नश्वर है इसके नष्ट होते ही हमेशा के लिये नाम डुब जाता है। केवल 2 मुठ्ठी राख रहती है। वह भी मिट्टी में मिल जाती है या पानी में बह जाती है। शरीर में आत्मा ही परमात्मा है। इसको कोई देख नहीं सकता। इसको न कभी भूख लगती है और न प्यास लगती है। यह न तो मरती है और न जीवित होती है। इसी के पास आपके कर्माे की जन्मपत्री होती है उसी के अनुसार आपको कर्माे का फल भोगना पड़ता है। साध्वी नेहप्रभाजी म.सा. ने कहा कि आज मानवता खत्म होती जा रही है अपनो से ज्यादा दुसरे अच्छे लगते है।मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि बुधवार को महावीर भवन में युवा शिविर लगाया गया जिसमें सुबह से लगाकर शाम तक आपकी दिनचर्या कैसी है एवं कैसे जीना है ? तपस्या के अन्तर्गत 25 श्रीमती निर्मला चण्डालिया, 19 श्रीमती शान्ताबहन सुनील वोरा, 8 विजय पितलीया, 2 उपवास प्रिया नवादावाला के चल रहे है। धार्मिक प्रभावना अजयसिंहजी ईश्वरसिंहजी डोडिया रतनीयाखेड़ी वाले ने वितरीत की। आभार श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन सांवेरवाला ने माना। अतिथि सत्कार राजेन्द्रकुमार मनीषजी हितेशजी ने लिया। प्रवचन में प्रमुख रूप से आकाश वोरा, अनील पावेचा, अनुज कांठेड, संतोष कोलन, पारस पोखरना, बसन्तीलालजी बेरछावाला आदि उपस्थित थे।
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