MP NEWS24- शासकीय महाविद्यालय के पूर्व जनभागीदारी अध्यक्ष नरेंद्र गुर्जर ने आरोप लगाया कि बीजेपी में वाही-वाही लूटने के चक्कर में बिना प्लानिंग किए ही नई राष्ट्रीय शिक्षा निति को लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जो शिक्षा नीति लागू की गई है उस मैं कई विसंगतियां है जिसके कारण छात्र-छात्राओं को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।गुर्जर ने बताया कि 20 तारीख को पूर्व स्नातक कक्षा में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की सूची जारी की गई है पर जारी होने के बाद जब विद्यार्थी एडमिशन लेने के लिए अपना अलॉटमेंट लेटर निकाल रहे है तो अपने मूल सब्जेक्ट के साथ नई शिक्षा नीति के तहत ऐडिशनल कोर्स को भी लेना अनिवार्य कर दिया गया है उसमे नहीं का ऑप्शन भी नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि मान लीजिए जैसे किसी विद्यार्थी ने वेब डिजाइनिंग का कोर्स सिलेक्ट किया है तो उसे वह सीखने के लिए उसे वहा जाना पड़ेगा जहां पर वह कोर्स संचालित है और ऐसे लिस्ट में 99 प्रतिशत कोर्स ऐसे हैं जिन्हें करने के लिये विद्यार्थियों को नागदा के बाहर जाना पड़ेगा ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाएं इन कोर्स को कैसे कर पाएगी और बाहर जा पाएगी नागदा से बाहर जाने पर विद्यार्थियों का समय और पैसे दोनों की बर्बादी होगी।
गुर्जर ने कहा कि उसमें अगर वह नहीं का ऑप्शन देते तो 99 प्रतिशत विद्यार्थी बाहर जाकर कोर्स करना पसंद नहीं करते। उसमें नही का ऑप्शन ही इसी लिए नही है कि कही ये शिक्षा नीति फेल ना हो जाए और यही कारण है कि सभी विद्यार्थियों को लेना अनिवार्य किया है जिससे कि यह दिखा सके कि कितने विद्यार्थियों ने इसे पसंद करा है। इनकी गलत नीतियों का हर्जाना विद्यार्थियों को भुगतना पड़ेगा गुर्जर ने बताया कि जल्द से जल्द रूप रेखा बनाकर इस नीति में सुधार कर सही ढंग से संचालित किया जाए उसमे जो कमिया है उसे दूर किया जाए वही इन सब कोर्स की यही कॉलेज में चालू किये जाय जिसे विद्यार्थी यही रहकर उसे कर सके और उसे लाभ मिले। अन्यथा एनएसयूआई द्वारा छात्रों के हित में आंदोलन किया जाएगा और इस गलत नीतियों का विरोध किया जाएगा
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