MP NEWS24-वर्षावास में पूज्य महासति श्री पुण्यशिलाजी म.सा. ने कहा कि पुण्यशाली एवं भाग्यशाली आत्माओं को ही भगवान महावीर स्वामी की जीनवाणी श्रवण का लाभ मिलता है जो सुनने के पश्चात् मनन कर अपने आचरण में उतारकर अपना भी कल्याण करता है एवं दुसरों के लिये आदर्श बन जाता है। साध्वी नेहप्रभाजी ने दान की महिमा बताते हुए कहा कि गुप्त दान महादान होता है। दिखाया गया दान का कोई महत्व एवं लाभ नहीं होता। वर्तमान में मानव दान तो थोड़ा सा करता है दिखाता बहुत ज्यादा है। जितना करता है उससे कई गुना अधिक प्रचार, प्रसार में खर्च कर अपने आपको दानवीर घोषित करने का प्रयास करता है।चातुर्मास के मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि महावीर भवन में धर्म की गंगा निरंतर बह रही है। बाहर के श्रीसंघो का आगमन हो चुका है। तेले की लड़ी में प्रिया वोरा की चलल रही है। 3 उपवास राजेन्द्र कांठेड़, 6 उपवास विजयजी पितलीया, 9 उपवास अमृत कांठेड़, 17 उपवास श्रीमती शान्ताबहन सुनीलजी वोरा, 23 उपवास श्रीमती निर्मला चण्डालिया के चल रहे है। धार्मिक प्रभावना का लाभ रमेशजी गादिया रतलाम वाले एवं सुनीलकुमार सचिन वौरा ने लिया। अतिथि सत्कार हुकुमचन्द मनोज अंकित चपलोद ने किया। आभार श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन सांवेरवाला ने माना।
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