MP NEWS24- महासति पूज्य श्री पुण्यशिलाजी ने कहा कि वर्तमान समय में मनुष्य के दुःख का प्रमुख कारण अज्ञानता है, क्योंकि ज्ञान न होने के कारण कार्य के संचालन के सही तरीके से न कर पाने के कारण कार्य सफल नहीं हो पाता। प्रत्येक कार्य की सफलता हेतु उसका सम्पूर्ण ज्ञान नॉलेज आवश्यक है। जहां भी जब भी जैसे भी हमको ज्ञान की प्राप्ति हो इसका निरंतर प्रयास करते रहना चाहिये। इसके लिये भौतिक आध्यात्मिकता आवश्यक है। साध्वी नेहप्रभाजी ने कहा कि अपना कल्याण करने वाला हमेशा दुनिया देखकर नहीं करता है अपना कल्याण अपनो को ही करना है। धर्म ध्यान तपस्या मानव के तिर्थंकर के मार्ग की ओर अग्रसर करती है।
मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि त्याग तपस्या के अन्तर्गत 3 उपवास सोनम कांठेड एवं लम्बी अवधी की तपस्या 25 उपवास श्रीमती शान्ताबहन सुनील वौरा, 31 उपवास श्रीमती निर्मला चण्डालिया के चल रहे है। धार्मिक प्रभावना अर्जुनसिंह पंवार रत्नीयाखेड़ी वाले ने वितरीत की।
अतिथि सत्कार का लाभ राजेन्द्र मनीष हितेश कांठेड ने लिया। आभार श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जेन सांवेरवाला ने माना। सभा में प्रेमचन्द्र वोहरा, हुकुमचन्द चपलोत, देवेन्द्र कांठेड, नरेश ओरा, सन्तोष चपलोत, चंदनमल संधवी, दिलीप ओरा, जसवंतसिंह, शैलु चौरडिया, निर्मल चपलोत, अमृतलाल कांठेड, राजेन्द्र गोखरू, सुनिल भण्डारी आदि उपस्थित थे।
Post a Comment