MP NEWS24- स्थानकवासी जैन समाज के मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि जैन समाज के वरिष्ठतम शताब्दी नायक दिवाकर श्रमणसंघीय वरिष्ठ उपाध्याय पूजय श्री मुलमुनिजी का 25 सितम्बर को कोटा राजस्थान में संथारापूर्वक प्रभु मिलन होकर देवलोकगमन हो गया। वहीं पर डोल अन्तिम यात्रा निकालकर मुखाग्नि दी गई। नगर में समाचार प्राप्त होते शोक की लहर छा गई एवं 26 सितम्बर को जवाहर मार्ग स्थित महावीर भवन में नवकार महामंत्र के जाप किये एवं गुणानुवाद सभा में उनके 100 वर्षीय जीवनकाल बचपन से लगाकर अन्तिम यात्रा तक के विभिन्न प्रसंगो का वर्णन महासति पूज्य पुण्यशिलाजी म.सा. एवं महासति अनुपमशिलाजी म.सा. सहित समाज के लोगो ने अनुभवो को साझा किया गया।स्थानकवासी जैन समाज के गुरूभक्तो ने संतश्री के देवलोकगमन पर भावभरी श्रद्धांजली श्रद्धासुमन अर्पित किये जिसमें प्रमुख रूप से श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन सांवेरवाला, नानालालजी नाहर, प्रेमचन्द्र मुरडिया, वर्धमान जैन नवादावाला, अरविंद नाहर, नवीन तरवेचा, पारस पोखरना, मनोहरलाल कांठेड, सतीश जैन सांवेरवाला, प्रकाशचन्द्र बुडावनवाला, प्रशान्त नाहर, संजय मुरडिया, मुकेश धोका, गंभीरमल पावेचा, अक्षय नाहर, रमेश तांतेड, अजय मुरडिया, सुनील सकलेचा, चन्द्रप्रकाश कांठेड, अमरचन्द जैन, चंदनमल संघवी आदि ने श्रद्धासुमन अर्पित किये।
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