नागदा जं.-तप अराधाना में बीता पर्यूषण पर्व का पहला दिन

MP NEWS24- मूर्तिपूजक जैन श्रीसंघ के पर्यूषण महापर्व का आरंभ शुक्रवार से हुआ। आठ दिवसीय पर्व आराधना का पहला दिन तप अराधाना में व्यतीत हुआ। पाठशाला भवन में जहाँ सैंकड़ों साधकों ने पोषध, समायिक, प्रतिक्रमण कर कर्मो की निझरा की तो वहीं जैन मंदिरों में सुबह से पूजन करने वालों की लम्बी-लम्बी लाइन लगी। संध्या आरती के पश्चात मंदिरजी में सजी अंगरचना को निहारने के लिए देर रात तक भक्त मंदिरजी में पहुच रहे थे।

पर्वो का राजा है पर्यूषण महापर्व - मुनिश्री
जिस प्रकार मंत्रों मेें सर्वश्रेष्ठ नमस्कार महामंत्र है, फलों मे श्रेष्ठ आम है, फूलों मे श्रेष्ठ गुलाब है ठीक उसी प्रकार पर्वो में यदि काई श्रेष्ठतम है तो वह पर्यूषण महापर्व। पर्यूषण शब्द परि और पोषण दो शब्दों से मिलकर बना है। जिसका अर्थ है आत्मा को धर्म रूपी आराधना करवा कर मोक्ष रूपी पोषण प्रदान करना है। यह बात शुक्रवार सुबह 10 बजे लक्ष्मीबाई मार्ग स्थित पाठशाला भवन में आयोजित पूर्यषण पर्व के पहले दिन धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री चन्द्रयशविजयजी मसा ने कही। उन्होने कहा कि देवलोक में रहे देवता तप आराधना नहीं कर सकते है किन्तु पर्यूषण पर्व मनाने के लिए वह भी साल भर इंतजार करते है। पर्यूषण पर्व में देवतागण नदीश्वरदीप जाकर अठाई महोत्सव मनाते है।
आज बंधेगे घर - घर सिद्धितप अनुमोदना के तोरण
जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी डॉ. विपिन वागरेचा ने बताया कि पर्यूषण पर्व के दूसरे दिन मुनिश्री की निश्रा में सिद्धितप की अनुमोदना में घर-घर तोरण बांधने का कार्य किया जाएगा। तोरण बांधने के क्रम में सबसे पहला तोरण सुबह 10.30 बजे महात्मागांधी मार्ग स्थित चन्द्रप्रभु जैन मंदिर में लाभार्थी परिवार द्वारा बांधा जाएगा। इसके पश्चात मुनिश्री की निश्रा में लाभार्थी के निवास स्थान पर सिद्धितप के तपस्वी को पानी वैहराया जाएगा।

Post a Comment

[blogger]

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget