नागदा जं.-क्या हता वसूली की मांग को बढ़ाने के लिए दिया था नशा कारोबारीयो के विरूद्ध ज्ञापन ? - स्वामी

MP NEWS24- शहर में लगातार हो रही चोरी, लूट, चैन स्नैचिंग की वारदातों के पीछे एक कारण यह है कि नगर में खुलेआम धड़ल्ले से नशे का कारोबार चल रहा है। नशे के आदी हो रहे युवा अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए चोरी लूट और चैन स्नैचिंग की वारदातों को दिन दहाड़े अंजाम दे रहे हैं। लगभग एक माह पहले भाजपा द्वारा पुलिस प्रशासन को ज्ञापन देकर यह चेताया गया था कि नगर में धड़ल्ले से नशे का कारोबार चल रहा है, जिसके कारण युवा नशे के आदि हो रहे हैं। भाजपा नेताओं ने पुलिस प्रशासन से संपूर्ण कारोबार को सख्ती से रोकने की मांग भी की थी। लेकिन एक माह बाद भी नशे के कारोबारियों पर कोई अंकुश ना तो भाजपा और ना ही पुलिस प्रशासन लगा पाया।

कांग्रेस ने उठाऐ सवाल
जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध स्वामी ने भाजपा से प्रश्न किया है कि क्या भाजपा नगर के नागरिकों को या आश्वासन दे सकती है कि नगर के किसी भी स्थान पर स्मैक, गांजा, अवैध शराब जैसी नशीली वस्तुएं नहीं बिक रही है। क्योंकि बिना सत्तापक्ष के नेताओं के संरक्षण के नशे के कारोबारी खुलेआम यह अवैधानिक कृत्य नहीं कर सकते। भाजपा नेताओं का खुलेआम संरक्षण होने के चलते पुलिस प्रशासन भी नशे के सौदागरों पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।
सत्ता में बैठे लोग ज्ञापन देकर जनता को कर रहे गुमराह
स्वामी ने कहा कि सबसे बड़ी विडंबना की बात यह है कि सत्ता पक्ष के नेता अवैधानिक गतिविधियों को नशे के कारोबार को रोकने के लिए ज्ञापन दे रहे हैं जबकि होना यह चाहिए था कि पुलिस प्रशासन को सख्त निर्देश किया जाता कि अगर नशे का कारोबार चलता हुआ पाया गया तो उस पुलिस अधिकारी की को सस्पेंड करवा दिया जाएगा। अगर इतनी गंभीरता भाजपा दिखाती तो वाकई में नशे का कारोबार पर अंकुश लग सकता है, लेकिन ज्ञापन देकर मात्र भाजपा द्वारा नौटंकी की गई है। पुलिस प्रशासन ने भी भाजपा के ज्ञापन को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया है और यही कारण है कि नशा खुलेआम सड़कों पर बिक रहा है। नशे के सौदागरो द्वारा खुलेआम नशे की खरीद-फरोख्त किए जाने से नागरिकों में भय के साथ साथ शासन प्रशासन के प्रति आक्रोश व्याप्त है।
ज्ञापन के बाद और बढ गया नशे का कारोबार
स्वामी ने कहा कि वर्तमान हालत तो यह है कि पहले से अधिक और खुलेआम नशे की खरीद-फरोख्त नगर में होने लगी। आलम तो यह है कि आसपास के क्षेत्र के युवा और नशे के आदि लोग नगर में नशा करने के लिए आ रहे हैं और नशेड़ीओ के लिए नागदा शहर सबसे उपयुक्त और सुरक्षित स्थान बनता जा रहा है। नागरिकों के साथ विडंबना यह है कि उनके आसपास या उनके घरों में हो रही छोटी मोटी चोरियों के लिए वह पुलिस थाने पर जाना ही उचित नहीं समझते और भुले से अगर कोई पुलिस थाने चले भी गए तो पुलिस ही नागरिकों से बोल देती है कि यह काम तो नशेडियों का है हम भी परेशान हैं।

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