MP NEWS24- भारतीय मजदूर संघ नागदा के पदाधिकारियों ने गुरूवार को ज्ञापन प्रेषित कर कर्मचारी राज्य बीमा में सिविल हॉस्पिटल को स्थानांतरित किए जाने का विरोध किया है। श्रमिक संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि सिविल हॉस्पिटल को बीमा में स्थानांतरित करने पर श्रमिक परिवारों को काफी परेशान होना होगा तथा उन्हें समुचित उपचार भी नहीं मिल पाऐगा।बीएमएस के जौधसिंह राठौड, अशोक गुर्जर, दशरथसिंह तंवर, विद्याधर शर्मा, राजकुमार सिसौदिया, एलएन शर्मा, महेश नायर आदि के हस्ताक्षरित ज्ञापन में कहा कि नागदा नगर एक औद्योगिक नगर है यहॉं की आबादी लगभग डेढ लाख से अधिक है नगर के लगभग 10-15 हजार श्रमिक उद्योगों में कार्यरत हैं जिसमें लगभग 6000 श्रमिक, कर्मचारी उपचार हेतु राज्य बीमा ईएसआई पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि बीमा अधिनियम के तहत श्रमिक परिवारों के उपचार हेतु लागू की गई है जिसके लिए कर्मचारी व नियोक्ता दोनों को मिलाकर 6.5 प्रतिशत अंशदान देना होता है जो 1 जुलाई 2019 से अब 4 प्रतिशत देय होता है।
बीएमएस पदाधिकारियों ने कहा कि जानकारी लगी है कि सिविल हॉस्पिटल को बीमा अस्पताल में स्थानांतरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के उपचार हेतु बीमा एकमात्र अस्पताल है जो 24 घंटे खुला रहता है तथा इमरजेंसी में उज्जैन, इंदौर, देवास रेफर किया जाता है, इसके अलावा बीमा की दो डिस्पेंसरियों में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में यदि बीमा अस्पताल में सिविल हॉस्पिटल को स्थानांतरित किया गया तेा श्रमिकों को कई परेशानियों का सामना करना पडेगा व नगर के छः हजार श्रमिक व उनके परिवार के सदस्यों को अंशदान देने के बाद भी पर्याप्त चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल पाऐगा। उन्होंने मांग की है कि सिर्फ अस्थायी रूप से ही आधे बीमा अस्पताल को दिया जाऐ तथा सिविल हॉस्पिटल की बिल्डिंग बनते ही तत्काल पुनः स्थानांतरित किया जावे। साथ ही इंदौर के समान बीमा में भी सुविधाऐं दिए जाने की मांग श्रमिक प्रतिनिधियों ने की है।
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