MP NEWS24- शहर में संचालित एक निजी विद्यालय मदर मेरी स्कूल द्वारा बिना पढाये ही जबरन फीस वसुलने के मामले में एक शिकायती आवेदन ताराचन्द्र पिता ओमप्रकाश पोरवाल ने अनुविभागीय अधिकारी आशुतोष गोस्वामी के कार्यालय में दिया है। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के निर्देश पर एसडीएम द्वारा एक दल का गठन कर निजी विद्यालयों द्वारा वसुली जा रही फीस की जांच करने के निर्देश दिए थे, लेकिन न तो आज तक कोई जांच हुई और ना ही अभिभावकों को इंसाफ मिल सका है। ऐसे में निजी विद्यालयों की जबरिया वसुली से अभिभावक परेशान हो रहे हैं। लेकिन शिक्षा विभाग एवं स्थानिय प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।क्या है मामला
मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार मदर मेरी विद्यालय में अध्ययनरत एक विद्यार्थी के अभिभावक ताराचन्द्र ने एसडीएम को दिए पत्र में बताया है कि उसकी बालिका साक्षी पोरवाल (6वर्ष) का विद्यालय में कक्षा नर्सरी में प्रवेश दिलवाया था जिसकी यूकेजी तक सन् 2019-2020 तक 5500 रूपये बकाया हैं जो वह स्कूल संचालक को देने को तैयार है, तथा शुल्क जमा कर शाला छोडने का प्रमाण-पत्र प्राप्त करना चाहता है। परन्तु विद्यालय की प्राचार्या उनसे वर्ष 2020-21 की फीस 16000 रूपये मांग रही है तथा परेशान कर रही हैं। जबकि विद्यालय द्वारा उनकी पुत्री को न तो ऑनलाईन पढाया गया और ना ही ऑफलाईन, लेकिन बार-बार फीस जमा करने के लिए परेशान कर रही हैं तथा स्कुल के चक्कर लगवा रही हैं।
पोरवाल ने बताया कि जब तक टीसी नहीं मिलती है तब तक अन्य विद्यालय में प्रवेश नहीं मिल पाऐगा तथा मदर मेरी विद्यालय प्रबंधन जानबुझ कर उसकी पुत्री का भविष्य बर्बाद कर रही हैं। उन्होंने बताया कि वह ठेला लगाकर मेहनत-मजदूरी कर अपना व परिवार का पेट पालता है, वर्तमान में बेरोजगारी चरम पर है तथा उसे कोई काम भी नहीं मिल पा रहा है तथा वह बिना पढाये 16 हजार रूपये की राशि जमा करने की स्थिति में नहंी है। पोरवाल ने निजी विद्यालयों की मनमानी पर रोक लगाते हुए पुत्री के भविश्य को लेकर प्रशासन से मदद की गुहार की है।
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